
कोटा। केंद्रीय सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक प्रभाकर जोशी ने कहा कि 22 अप्रैल की पहलगाम घटना भारतीय सेना के लिये सीधी चुनौती थी। उसे स्वीकर कर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे बहादुर जवानों ने एक ही रात में दिखा दिया कि पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों के दांत खट्टे करना हम अच्छी तरह जानते हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि 22 अप्रैल की घटना से पूरे देश और सीमा सुरक्षा बल में गुस्से का ज्वार थमने का नाम नहीं ले रहा था। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने तीनों सेनाओं को जिस विश्वास के साथ जिम्मेदारी सौंपी, उस पर हर जवान खरा उतरा है। उस रात पाक ने जो दुस्साहस किया उनको ऐसा जवाब दिया गया कि भविष्य में उसकी कई पीढियां भूल नहीं पायेंगी।
भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बलों को जैसे ही दुश्मन को सबक सिखाने का मौका मिला, उन्होंने सिर्फ आगे देखा। हमारी फौज ने आतंकियों को सबक सिखाने के लिये दोगुना साहस के साथ उनके ओपी टावर, सीमा पर पोस्ट, राकेट लांचर, सर्विलैंस उपकरण, बंकर सब बर्बाद कर दिये। भारतीय सेना के जवानों व अधिकारियों व अधीनस्थों में इतना जोश था कि किस तरह पाक के दांत खट्टे कर दिये जायें।
नारी के सिंदूर का बदला एक नारी ही ले सकती है-
जोेशी ने कहा कि आतंकियों द्वारा पहलगाम में भारतीय महिलाओं को हिलाने वाली वारदात कर देश के प्रधानमंत्री को भी खुली चुनौती देने का दुस्साहर किया था। जिससे हमारा खून खौलने लगा। हम बदला लेने के लिये प्रतिबद्ध थे। हमारी फौज का उद्देश्य नेक रहा। उस समय देश की सीमा प्रहरी और भवानियों में अदम्य साहस और उर्जा दिखी। मैने सीमा पर तैनात एक भारतीय महिला कंपनी कमांडर नेहा भंडारी से बात की तो उन्होंने कहा पीछे कदम हटाने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता। भारतीय नारी के सिंदूर का बदला एक नारी ही ले सकती है। हम दुश्मन को सबक सिखाकर ही दम लेंगे। सीमा सुरक्षा बल के सारे जवानों का जोश आसमां को छूने लगा था।
राजस्थान का गौरव है डीआईजी जोशी-
कोटा में आरके पुरम कॉलोनी निवासी जोशी इससे पहले पंजाब के अति संवेदनशील गुरदासपुर सेक्टर में अपनी जिम्मेदारी को साहसिक ढंग से निभा चुके हैं। यह इलाका पठानकोट स्थित वायु सेना के अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद बहुत संवेदनशील माना गया है। करतारपुर कॉरीडोर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी वे संभाल चुके हैं। पाकिस्तान की ओर से लगातार इस इलाके में ड्रोन द्वारा हथियार गिराने समेत ड्रग्स और आतंकवादी भेजने की कायराना करतूत की जाती रही। कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल को नई ताकत देने वाल डीआईजी प्रभाकर जोशी ने सीमा पर राजस्थान की वीरता का परचम लहराया है। उन्होंने स्कूल व कॉलेज की पढाई कोटा में ही पूरी की है। उनके छोटे भाई दिवाकर जोशी आरटीयू कोटा में उप रजिस्ट्रार हैं।
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