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नकली नोट छापने वाली गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया

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जाेधपुर। जोधपुर में नकली नोट छापने वाली गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। आरोपितों के पास 7.50 लाख की फेक करेंसी भी मिली है। बदमाशों ने किराए के कमरे में नोट छापने का पूरा सेटअप तैयार कर रखा था। मंगलवार रात जोधपुर पुलिस ने मंडोर कृषि उपज मंडी में कार्रवाई की। नकली नोटों के साथ नागौर के रहने वाले दो बदमाशों को हिरासत में लिया है। डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि गैंग की एक्टिवटी पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। मौका देखकर मंगलवार को दबिश दी गई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपितों ने मंडी की एक दुकान के ऊपर ही ठिकाना बना रखा था। अंदेशा है कि वे बड़े व्यापारियों को नकली नोट खपाने का प्रयास करते थे। गैंग 2 लाख रुपये के बदले में 500-500 के 10 लाख के जाली नोट देती थी। छापेमारी में आरोपितों के पास फेक करेंसी के अलावा कलर प्रिंटर, स्कैनर, कटर, पेपर के पैकेट, कंप्यूटर सिस्टम बरामद किए हैं। पुलिस टीम ने यहां से 2 बदमाशों को हिरासत में लिया।

डीसीपी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि जोधपुर में मंडोर मंडी और आसपास के ग्रामीण गांव-कस्बों में पांच-पांच सौ के नकली नोट चलाए जा रहे हैं। इस पर डीएसटी (ईस्ट) प्रभारी श्यामसिंह की अगुवाई में टीम को जाली नोट छापने वाले गिरोह का पता लगाने के निर्देश दिए। इस टीम के साथ पुलिस के साइबर एक्सपर्ट्स भी थे। कुछ दिन तक जानकारी जुटाने के बाद आरोपियों के बारे में जानकारी मिली। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर नेटवर्क में शामिल अन्य बदमाशों के साथ-साथ अब तक कितने नोट कहां खपाए गए थे, उसकी जानकारी भी जुटाने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने नागौर के पांचौड़ी निवासी श्रवण व्यास (28) और भावंडा निवासी बाबूलाल प्रजापत (40) को पकड़ा है। इनके किराए के कमरे में बड़ी मात्रा में तैयार नकली नोट व अन्य सामग्री बरामद हुई। पूछताछ में बालसमंद मगजी की घाटी क्षेत्र में किराए का घर होने की जानकारी भी सामने आई। पुलिस ने वहां ले जाकर भी दोनों बदमाशों से पूछताछ की। आरोपितों से जुड़े नेटवर्क का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। इनमें वो मेंबर्स हैं जो इन दोनों से 2 लाख रुपये में 10 लाख के जाली नोट खरीदकर बाजार में चला रहे थे।

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