जल संकट से जूझ रहे सीमावर्ती इलाकों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने घोषणा की है कि सिंधु नदी के रास्ते पाकिस्तान जाने वाले पानी को जल्द ही बीकानेर समेत सीमावर्ती जिलों की ओर मोड़ दिया जाएगा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय पखवाड़ा अभियान के तहत गुसाईसर बड़ा में एक जनसभा के दौरान, मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कथन को दोहराया कि 'खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे'।
बीकानेर के लिए एक ऐतिहासिक जल अभियान
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जनता को आश्वासन दिया कि सिंधु नदी का पानी राजस्थान की ओर मोड़ने की लंबे समय से चली आ रही मांग जल्द ही पूरी होगी। आइए जानते हैं कि ऐसा होने पर क्या लाभ होंगे।
बीकानेर में सिंधु नदी के पानी के संभावित लाभ
कृषि को बढ़ावा: सिंधु नदी से पानी की आपूर्ति से शुष्क क्षेत्र के किसानों को फसल विविधता बढ़ाने और उत्पादकता में सुधार करने में मदद मिलेगी। साथ ही, अनियमित मानसून पर निर्भरता कम होगी।
बेहतर पेयजल आपूर्ति: बीकानेर में पानी की कमी एक बहुत पुरानी समस्या है। ऐसे में सिंधु नदी का पानी पेयजल के लिए एक स्थिर और उत्तम स्रोत प्रदान करेगा।
आर्थिक विकास: सिंधु नदी के पानी से बेहतर सिंचाई और जल उपलब्धता का संयोजन नए निवेश को आकर्षित कर सकता है। इसका सीधा असर कृषि आधारित उद्योगों पर पड़ेगा। अगर ऐसा होता है, तो स्थानीय रोज़गार को भी बढ़ावा मिलेगा।
गुसाईसर बड़ा में कॉलेज का वादा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुसाईसर बड़ा में एक कॉलेज स्थापित करने का वादा किया है। यह निर्णय स्थानीय विधायक ताराचंद सारस्वत की माँग पर लिया गया है। इस कदम के बाद, उच्च शिक्षा उस क्षेत्र तक पहुँच सकेगी जहाँ वर्तमान में पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है।
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