राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम' (RGHS) को अब तकनीकी रूप से और अधिक सरल, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा, जिससे राज्य के सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारजनों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
गुरुवार को स्वास्थ्य भवन, जयपुर में आयोजित RGHS योजना की समीक्षा बैठक में चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना में किसी भी प्रकार की अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य लोगों को सुलभ और भरोसेमंद उपचार उपलब्ध कराना है, और इसके लिए तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए।
बैठक में दिए गए प्रमुख निर्देश:-
ई-गवर्नेंस और डिजिटल प्लेटफॉर्म का सशक्त उपयोग करते हुए योजना की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन की जाएं।
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मरीजों को कैशलेस और पेपरलेस सेवा उपलब्ध हो, जिससे उन्हें इलाज के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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अस्पतालों की पैनल सूची, ट्रीटमेंट पैकेज, क्लेम स्टेटस जैसी जानकारी पारदर्शी रूप से सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जाए।
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अनधिकृत बिलिंग, गलत उपचार और फर्जीवाड़े जैसी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मंत्री खींवसर ने कहा कि सरकार की मंशा है कि प्रत्येक पात्र लाभार्थी को बिना किसी भेदभाव के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। इसके लिए सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि RGHS पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर को और बेहतर बनाया जाए ताकि मरीजों की शिकायतों का समयबद्ध समाधान हो सके।
क्या है RGHS?राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत राज्य के वर्तमान और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स, और उनके आश्रितों को सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है। योजना में सर्जरी से लेकर गंभीर बीमारियों तक के उपचार शामिल हैं।
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