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राजस्थान में CBI का बड़ा एक्शन! किसान से 44 लाख वसूलते हुए पकड़ा गया नारकोटिक्स इंस्पेक्टर और दलाल, इस काम के लिए मांगे 1 करोड़

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चित्तौड़गढ़ जिले के एक अफीम किसान से रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई जयपुर की टीम ने नीमच के नारकोटिक्स इंस्पेक्टर सहित एक दलाल को पकड़ा है। सीबीआई जयपुर की टीम ने यह कार्रवाई गुरुवार रात (17 जुलाई) को की। बताया जा रहा है कि एक किसान को अफीम डोडाचूरा तस्करी में फंसाने के नाम पर झूठे तथ्यों के आधार पर एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। किसान की शिकायत पर नारकोटिक्स अधिकारी और दलाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई मंडफिया इलाके में की गई। दोनों को गिरफ्तार कर चित्तौड़गढ़ कोर्ट में पेश किया गया है और ट्रांजिट रिमांड मांगी गई है।

फंसाने से मना करने पर एक करोड़ रुपये की रिश्वत

सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार, 15 जुलाई को डूंगला तहसील के अलाखेड़ी गाँव के किसान मांगी लाल गुर्जर ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया गया था कि डूंगला तहसील के अलाखेड़ी निवासी जगदीश मेनारिया ने नारकोटिक्स विभाग नीमच के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह से संपर्क करने की सूचना दी थी। किसान ने जब दलाल जगदीश मेनारिया से संपर्क किया, तो उसने बताया कि नारकोटिक्स विभाग नीमच के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने उसकी कृषि भूमि से 400 किलो अफीम पोस्त जब्त की है। जगदीश मेनारिया के माध्यम से इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने उसे बताया कि उसके परिवार के सदस्यों को नशीली दवाओं के मामले में न फँसाने से बचने के लिए उसे 1 करोड़ रुपये देने होंगे। अगर वह रिश्वत नहीं देता है, तो उसे आपराधिक मामलों में फँसाकर जेल भेज दिया जाएगा।

3 किश्तों में 44 लाख रुपये लिए
शिकायतकर्ता मांगीलाल गुर्जर ने अपनी शिकायत में बताया कि नीमच में कार्यरत सीकर निवासी नारकोटिक्स अधिकारी महेंद्र सिंह 27 मार्च को संगरिया स्थित उसके निवास पर पहुँचा और उसे जगदीश मेनारिया से संपर्क करने को कहा। जगदीश मेनारिया ने उसे अपना नंबर भी दिया। उसी दिन जगदीश मेनारिया ने उसे व्हाट्सएप पर कॉल करके बताया कि नीमच के नारकोटिक्स विभाग के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने उसके खेत से 400 किलो अफीम पोस्त जब्त की है। आवेदक ने बताया कि उसके खेत में अफीम का छिलका नहीं था, लेकिन जगदीश मेनारिया ने कहा कि उसे एक करोड़ रुपये देने होंगे, वरना जेल जाना पड़ेगा। आवेदक ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने जगदीश मेनारिया के माध्यम से तीन महीने में तीन किश्तों में 44 लाख रुपये चुकाए। बाद में उसने सीबीआई शिकायत क्रमांक प्राप्त किया और शिकायत दर्ज कराई।

9 लाख रुपये और मांगे

इस मामले में, 13 जुलाई को जगदीश मेनारिया गाँव आया और शिकायतकर्ता मांगी लाल गुर्जर से 9 लाख रुपये और मांगे। परेशान होकर उसने सीबीआई जयपुर में शिकायत की और उसके बाद सीबीआई ने नारकोटिक्स नीमच इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह और दलाल जगदीश मेनारिया को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आखिरकार, गुरुवार रात इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को उज्जैन से और दलाल जगदीश मेनारिया को मंडफिया क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद नारकोटिक्स अधिकारी महेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार कर मंडफिया लाया गया, जहाँ उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया। इस मामले में सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 7ए के साथ धारा 61(2) के तहत एफआईआर दर्ज की है।

आवेदक मांगीलाल गुर्जर ने अपनी शिकायत में कहा है कि महेंद्र सिंह नारकोटिक्स विभाग, नीमच का एक भ्रष्ट अधिकारी है। उसने जयपुर, सीकर और नीमच में काफी संपत्तियां बना रखी हैं और राज्य में कई जगहों पर एजेंट नियुक्त कर रखे हैं, जिनके माध्यम से वह रिश्वत लेता है। 15 जुलाई को की गई इस शिकायत के बाद सीबीआई के पुलिस अधीक्षक ने अधिकारी की नियुक्ति की और उसके बाद एक टीम बनाकर यह कार्रवाई की गई। सीबीआई जयपुर टीम ने इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह और दलाल जगदीश मेनारिया को चित्तौड़गढ़ कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड की मांग की।

सीबीआई ने अपनी एफआईआर में नारकोटिक्स अधिकारी महेंद्र सिंह और दलाल जगदीश मेनारिया की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए मामले की जांच जयपुर सीबीआई के भ्रष्टाचार अनुभाग के पुलिस उपाधीक्षक कमलेश चंद्र तिवारी को सौंपी है। गौरतलब है कि इससे पहले भी सीबीआई नारकोटिक्स विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई कर चुकी है और कई अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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