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चित्तौड़गढ़ के विजय स्तम्भ की काली छाया, लीक्ड फुटेज में देखे वह रहस्यमयी जगह जहां रात के सन्नाटे में जागती हैं प्रेतात्माएं

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राजस्थान के गौरवशाली इतिहास और वीरता की निशानी, चित्तौड़गढ़ किला, अपनी गजब की भव्यता और वीर गाथाओं के लिए तो जाना ही जाता है, लेकिन इसके भीतर स्थित विजय स्तम्भ के बारे में ऐसी कई डरावनी और रहस्यमयी कहानियां भी प्रचलित हैं, जो इतिहास की चमक के साथ-साथ एक काली छाया की तरह किले के उस हिस्से पर मंडराती हैं। कहते हैं कि यह विजय स्तम्भ रात के समय जाग उठता है और आसपास के माहौल में एक अजीब सिहरन फैल जाती है।


विजय स्तम्भ: इतिहास की शान और रहस्यमय काली छाया
चित्तौड़गढ़ विजय स्तम्भ, जो मुगल आक्रमणों के बाद राजस्थान की साहस और स्वतंत्रता की गवाही देता है, एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह स्तम्भ चित्तौड़गढ़ की वीरता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इसके आसपास की जगह को स्थानीय लोग और पर्यटक ‘भूतिया’ बताते हैं।स्थानीय निवासियों और कुछ पर्यटकों का कहना है कि विजय स्तम्भ के आसपास की जगह पर अक्सर रात के अंधेरे में अजीब और रहस्यमयी घटनाएं होती हैं। कई बार यहां आवाजें सुनाई देती हैं, जो किसी युद्ध के दहलाने वाले गर्जन जैसी लगती हैं।

रहस्यमयी घटनाएं और भूतिया कहानियां
विजय स्तम्भ के आस-पास के इलाके में कई बार पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने अजीबोगरीब अनुभव साझा किए हैं। कुछ लोगों ने बताया कि रात में वहां भटकती हुई परछाइयां दिखाई देती हैं, जो पुरानी लड़ाइयों और वीरगति प्राप्त सैनिकों की आत्माएं लगती हैं।एक कहानी के अनुसार, विजय स्तम्भ के पास एक प्राचीन युद्ध हुआ था जहां कई सैनिकों की मौत हुई थी। उनकी आत्माएं आज भी वहां भटकती हैं, और रात को उनकी आवाजें सुनाई देती हैं। कई बार लोग स्तम्भ के आसपास बिना किसी कारण के ठंडी हवा का अहसास करते हैं, जो वहां की सामान्य जलवायु के विपरीत होती है।

पर्यटकों के अनुभव
कुछ साहसी पर्यटकों ने विजय स्तम्भ के पास रात बिताने की हिम्मत दिखाई है, और उनका कहना है कि वे रात के समय स्तम्भ के पास अजीब आवाजें, फुसफुसाहटें और अंधेरे में चलती हुई परछाइयां देख चुके हैं। कई ने बताया कि वहां का माहौल इतना भारी और डरावना होता है कि उनका दिल तेज़ी से धड़कने लगता है और समय धीमा हो जाता है।ऐसे अनुभवों ने विजय स्तम्भ को न केवल इतिहास प्रेमियों के लिए बल्कि रहस्य और भूतिया कहानियों के शौकीनों के लिए भी एक आकर्षक स्थल बना दिया है।

क्या कहती है विज्ञान?
जहां तक विज्ञान का सवाल है, तो प्राचीन इमारतों और स्मारकों के आसपास ऐसे अनुभव कई बार हवा के प्रवाह, ध्वनि तरंगों और आसपास के पर्यावरणीय कारकों से जुड़े होते हैं। कभी-कभी पुरानी इमारतों के संकरी गलियारों और पत्थर की बनावट के कारण आवाजें गूंजती हैं जो असामान्य लगती हैं।लेकिन उन लोगों के अनुभव जो विजय स्तम्भ के आसपास रहस्यमयी घटनाओं की बात करते हैं, बहुत वास्तविक प्रतीत होते हैं। ऐसे अनुभव विज्ञान की सामान्य व्याख्या से परे लगते हैं, जिससे इस जगह की रहस्यमयी छवि और गहराती है।

सुरक्षा और संरक्षण
चित्तौड़गढ़ किले के इतिहास और विरासत को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन भूतिया कहानियों और रहस्यों के कारण कुछ क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या कम करने के भी प्रयास किए गए हैं।विशेषकर विजय स्तम्भ के आस-पास रात में जाने पर पाबंदी है, ताकि पर्यटक और स्थानीय लोग किसी भी अप्रिय घटना से बच सकें। इसके साथ ही, किले की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों और गार्डों की व्यवस्था की गई है।

सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व
विजय स्तम्भ की काली छाया और उसके आसपास की भूतिया कहानियां चित्तौड़गढ़ के सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व को और बढ़ाती हैं। ये कहानियां न केवल इतिहास की गंभीरता को दर्शाती हैं, बल्कि लोगों को इस ऐतिहासिक स्थल से जुड़े रहस्यों के प्रति उत्सुक भी बनाती हैं।विभिन्न पर्यटन कार्यक्रम और नाईट टूर भी आयोजित किए जाते हैं, जहां पर्यटकों को किले के इतिहास के साथ-साथ इन रहस्यमयी कहानियों से अवगत कराया जाता है।

चित्तौड़गढ़ के विजय स्तम्भ की काली छाया इतिहास की वीरता के साथ-साथ एक रहस्यमयी और भूतिया रहस्य भी है। यह स्थान सिर्फ गौरव का प्रतीक नहीं, बल्कि उन अनकहे किस्सों का भी साक्षी है जो रात के अंधेरे में जाग उठते हैं।यदि आप इतिहास और रहस्य की दुनिया में रुचि रखते हैं, तो विजय स्तम्भ की यह काली छाया आपकी जिज्ञासा को बढ़ाएगी और आपको एक अनोखा अनुभव देगी। लेकिन याद रखें, ऐसी जगहों पर जाते समय हमेशा सतर्कता और सम्मान के साथ चलना चाहिए।

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