राजस्थान की राजधानी जयपुर यूं तो अपनी शाही विरासत, किलों और हवेलियों के लिए मशहूर है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में यहां की झालाना लेपर्ड सफारी ने पर्यटकों के दिलों में खास जगह बना ली है। यह सफारी न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया भर के वाइल्डलाइफ प्रेमियों और एडवेंचर टूरिस्टों की पसंदीदा जगह बन चुकी है। यहां आने वाले सैलानी जब इस जंगल की खूबसूरती और रोमांच का अनुभव करते हैं तो बस यही कहते हैं—"अब अगली बार फिर यहीं आना है।"तो आखिर क्या है ऐसी खास बातें, जो झालाना लेपर्ड सफारी को इतनी लोकप्रिय बनाती हैं? आइए जानते हैं विस्तार से।
1. शहर के बीच जंगल का रोमांच
झालाना लेपर्ड सफारी की सबसे खास बात यह है कि यह जयपुर जैसे व्यस्त और आधुनिक शहर के बीचोंबीच स्थित है। जहाँ लोग ट्रैफिक और भीड़ से जूझते हैं, वहीं कुछ ही मिनटों की दूरी पर ऐसा जंगल मौजूद है जहाँ आप तेंदुए को खुले में घूमते हुए देख सकते हैं। यह दुनिया के उन बेहद कम वाइल्डलाइफ स्पॉट्स में से एक है, जो शहरी आबादी के इतने करीब स्थित है।
2. तेंदुए की झलक की अधिक संभावना
झालाना का जंगल भले ही रणथंभौर या सरिस्का जितना विशाल न हो, लेकिन यहां लेपर्ड साइटिंग की संभावना सबसे अधिक रहती है। घने झाड़-झंखाड़ और पहाड़ियों के बीच बना यह अभयारण्य तेंदुओं के लिए एक उपयुक्त आवास है। सुबह और शाम की सफारी के दौरान अक्सर तेंदुए खुले में दिखाई दे जाते हैं। यही कारण है कि वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर के बीच यह जगह बेहद लोकप्रिय है।
3. वाइल्डलाइफ के अलावा पक्षियों की विविधता
यह सफारी सिर्फ तेंदुओं तक सीमित नहीं है। यहां मोर, उल्लू, बाज, नीलगाय, लकड़बग्घा और लोमड़ी जैसे कई वन्यजीव आसानी से देखे जा सकते हैं। साथ ही, बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए भी यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है। सर्दियों में यहां प्रवासी पक्षियों की आवाजाही बढ़ जाती है, जिससे यह जगह और भी खूबसूरत लगती है।
4. सुव्यवस्थित सफारी व्यवस्था
राजस्थान टूरिज्म और वन विभाग ने झालाना सफारी को एक सुव्यवस्थित इको-टूरिज्म मॉडल के तौर पर विकसित किया है। यहाँ जिप्सी सफारी के लिए स्लॉट बुकिंग, प्रशिक्षित गाइड्स और पर्यावरण के अनुकूल नियमों का पालन किया जाता है। यह सब कुछ न सिर्फ पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाता है बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान देता है।
5. वीकेंड गेटवे का परफेक्ट ऑप्शन
जयपुर आने वाले सैलानियों के लिए झालाना लेपर्ड सफारी एक आदर्श वीकेंड गेटवे बन चुकी है। सुबह-सुबह सफारी का आनंद लेने के बाद आप शहर के अन्य दर्शनीय स्थलों जैसे आमेर किला, हवा महल, जंतर-मंतर या चौकी ढाबा जैसी जगहों पर भी जा सकते हैं। मतलब यह कि एक ही दिन में आपको रोमांच, शांति और संस्कृति तीनों का अनुभव मिल सकता है।
6. पर्यावरणीय जागरूकता का माध्यम
झालाना सफारी सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय शिक्षा का भी एक महत्वपूर्ण मंच बन चुका है। यहाँ आने वाले स्कूली छात्र, कॉलेज विद्यार्थी और पर्यावरण प्रेमियों को जंगल के महत्व, जैव विविधता और संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाता है।
7. इंटरनेशनल टूरिस्ट्स का बढ़ता रुझान
विदेशी सैलानियों में भी झालाना सफारी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। खासकर यूरोप और अमेरिका से आने वाले वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और ट्रैवल ब्लॉगर इस जगह को अपनी लिस्ट में टॉप पर रख रहे हैं। कई ने तो इसे भारत का "लेपर्ड हॉटस्पॉट" तक घोषित कर दिया है।
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