ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए जवानों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि को लेकर राजस्थान में विवाद हो गया है। राज्य सरकार ने झुंझुनू के शहीद सुरेंद्र कुमार मोगा के परिजनों को सिर्फ 5 लाख रुपए दिए हैं। जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा ने 4 करोड़ रुपए और बिहार ने अपने शहीद के परिजनों को 50 लाख रुपए की सहायता राशि दी है। इस भेदभाव को लेकर राजस्थान में सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या राजस्थान सरकार शहीदों का सम्मान कम कर रही है? कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सरकार पर हमला बोल रही है और सहायता राशि बढ़ाने की मांग कर रही है। सरकार का कहना है कि 5 लाख रुपए की राशि तत्काल सहायता के तौर पर दी गई और जल्द ही पूरे पैकेज की घोषणा की जाएगी।
झुंझुनू सैनिकों की धरती है
दरअसल, राजस्थान के झुंझुनू जिले को सैनिकों की धरती कहा जाता है। यहां हर घर से कोई न कोई सेना में भर्ती होता है। 10 मई को ऑपरेशन सिंदूर में वायुसेना के मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट सुरेंद्र कुमार मोगा शहीद हो गए थे। इसके बाद खेतड़ी क्षेत्र के मदन सिंह भी वीरगति को प्राप्त हुए। सुरेंद्र कुमार कश्मीर के उधमपुर एयरबेस पर तैनात थे। ऑपरेशन सिंदूर में वे राजस्थान से शहीद होने वाले पहले व्यक्ति थे। 11 मई को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने शहीद की पत्नी को राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रुपए का चेक दिया।
सवालों के घेरे में सहायता राशि
यह सहायता राशि अब सवालों के घेरे में है। हरियाणा सरकार ने अपने शहीद गनर दिनेश शर्मा के परिवार को 4 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। साथ ही उनके गांव का नाम भी उनके नाम पर रखने का ऐलान किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। वहीं, राजस्थान सरकार ने अभी तक कोई स्पष्ट सहायता पैकेज घोषित नहीं किया है। इसलिए सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में सरकार की आलोचना हो रही है। लोग कह रहे हैं कि राजस्थान सरकार शहीदों का सम्मान नहीं कर रही है।
शहादत का घोर अपमान: डोटासरा
कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि ऑपरेशन सिंदूर में देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले हरियाणा के शहीद दिनेश के परिवार को अकेले हरियाणा सरकार 4 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है। वहीं ऑपरेशन में शहादत पाने वाले शेखावाटी के वीर सपूत सुरेंद्र कुमार मोगा के परिवार को राजस्थान सरकार मात्र 5 लाख रुपए दे रही है, यह शहादत का घोर अपमान है। शहीद सुरेंद्र कुमार के परिवार के साथ भेदभाव और सौतेला व्यवहार शर्मनाक है।
हरियाणा की तरह सहायता पैकेज देने की मांग
डोटासरा के साथ झुंझुनूं सांसद बृजेंद्र सिंह ओला, पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. राजकुमार शर्मा, मंडावा विधायक रीटा चौधरी, कांग्रेस जिला अध्यक्ष खलील बुडाना, महिला कांग्रेस नेता तेजस्विनी शर्मा, खेतड़ी प्रधान बंजरग सिंह चारावास, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष राहुल जाखड़, प्रदेश महासचिव मोहित जनेवा, पीसीसी उपाध्यक्ष तारांचद सैनी, पीसीसी सदस्य सुनील झाझड़िया सहित कई अन्य नेताओं ने भी राज्य सरकार से हरियाणा की तरह सहायता पैकेज देने की मांग की है। इन नेताओं का कहना है कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और हरियाणा के बराबर पैकेज देकर परिवार के साथ न्याय करे।पूर्व मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा और मंडावा विधायक रीटा चौधरी ने भी सोशल मीडिया पर लिखा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर में झुंझुनूं के शहीद सुरेंद्र कुमार मोगा को 5 लाख रुपए की सहायता दी है। भाजपा की हरियाणा सरकार ने अपने शहीद को 4 करोड़ रुपए की सहायता दी है। यह भेदभावपूर्ण रवैया अपमान है।
राहत पैकेज की घोषणा जल्द होगी इस मुद्दे पर प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि तत्काल राहत के तौर पर 5 लाख रुपए दिए गए हैं। जल्द ही पूरा राहत पैकेज घोषित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कारगिल युद्ध के बाद से ही राजस्थान में शहीद पैकेज तय हैं, जो पूरे दिए जाएंगे। उन्होंने डोटासरा के आरोपों को 'बेबुनियाद' बताया। उन्होंने कहा कि मैं खुद शहीद के परिवार से मिला हूं। हर संभव मदद की जाएगी। वहीं शहीद सुरेंद्र मोगा के चचेरे भाई राजेश मोगा ने कहा कि अभी तक सिर्फ 5 लाख रुपए मिले हैं, उसके बाद कोई संपर्क या घोषणा नहीं हुई है।
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