राजस्थान के अजमेर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने फर्जी मार्कशीट के जरिए सरकारी नौकरी हासिल कर ली। इस महिला ने पहले 8वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट बनवाकर एएनएम की ट्रेनिंग ली और फिर उसी के आधार पर नौकरी पा ली। अब पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
मामला तब सामने आया जब अजमेर ग्रामीण ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जसवंत सिंह ने गहल थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि हाशियावास उपस्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एएनएम आइरिस रोज ने अपनी मार्कशीट जमा कराई थी। इसकी वैधता की जांच के लिए ब्यावर खास के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से जानकारी मांगी गई। स्कूल के रिकॉर्ड से पता चला कि इस नाम का कोई भी छात्र 1981-82 में 8वीं कक्षा में नामांकित नहीं था।
धोखाधड़ी से हासिल की सरकारी नौकरी
जांच में यह भी पता चला कि आइरिस रोज ने 10वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट बनवाई और उसके आधार पर 8वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट तैयार की। इसके बाद इसी दस्तावेज के जरिए उसने एएनएम की ट्रेनिंग पूरी की और सरकारी नौकरी पा ली। इस खुलासे से सरकारी सिस्टम में फर्जी दस्तावेजों के दुरुपयोग का गंभीर मामला सामने आया है।
पुलिस ने कार्रवाई शुरू की
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। जांच जारी है और पता लगाया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। यह मामला न केवल सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया पर सवाल उठाता है, बल्कि दस्तावेजों के सत्यापन में और अधिक सख्ती की जरूरत को भी रेखांकित करता है।
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