सरहदी जिले में अफसरों की आवाजाही अभी भी नहीं रुक रही है। कभी सरकार द्वारा अचानक तबादलों तो कभी एसीबी व एसओजी की कार्रवाई के चलते प्रशासनिक अफसरों को यहां से हटाया जाता रहा है। अप्रेल माह में ही फतेहगढ़ उपखंड अधिकारी हनुमानाराम को पेपर लीक मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान नाम आने पर जयपुर से एसओजी की टीम ने पकड़ा था। उसके बाद यह पद रिक्त हो गया। फिलहाल प्रोबेशनर आरएएस शिवा जोशी को फतेहगढ़ प्रशासन की कमान सौंपी गई है। हनुमानाराम कुछ समय पहले ही फतेहगढ़ एसडीएम बने थे। इसी तरह भणियाणा एसडीएम के रिक्त पद पर राजन लोहिया को लगाया गया है। लोहिया भी प्रोबेशन पर हैं। इसी तरह इसी साल 17 फरवरी को एसीबी ने भणियाणा तहसीलदार सुमित्रा गोदारा व फतेहगढ़ तहसीलदार शिवप्रकाश शर्मा को रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा था। उसके बाद नायब तहसीलदार नखत सिंह को फतेहगढ़ में तहसीलदार का चार्ज दिया गया है, वहीं भणियाणा में सुनील कुमार को नया तहसीलदार लगाया गया है।
6-6 माह के कलेक्टर
पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि जिले के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर के पिछले करीब 5 साल के कार्यकाल की बात करें तो डॉ. प्रतिभा सिंह और आशीष गुप्ता दोनों ही ऐसे कलेक्टर रहे, जिन्हें जैसलमेर में मात्र 6-6 माह ही काम करने का मौका मिला। प्रतिभा सिंह की जगह सरकार ने 6 जुलाई 2022 को टीना डाबी को जैसलमेर में कलेक्ट्रेट की कमान सौंपी। जबकि गुप्ता का तबादला राज्य में नई सरकार बनने के कारण हो गया। उनकी जगह मौजूदा कलेक्टर प्रताप सिंह को जैसलमेर में लगाया गया। सिंह 7 जनवरी 2024 से लगातार इस पद पर कार्यरत हैं। वैसे जैसलमेर में कलेक्टर पद पर किसी अधिकारी का तबादला औसतन एक साल या इससे भी कम समय में होता है। पूर्व में नमित मेहता और आशीष मोदी जरूर डेढ़ साल और उससे थोड़ा ज्यादा समय निकाल पाए। प्रताप सिंह का कार्यकाल सवा साल से ज्यादा रहा है।
कई पद खाली पड़े हैं
आज भी जैसलमेर में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। इनमें आईसीडीएस और प्रोटोकॉल अधिकारी के पद शामिल हैं। इन पदों पर एक समय में वरिष्ठ आरएएस अधिकारी भी काम कर चुके हैं। हाल के वर्षों में ये दोनों पद खाली पड़े हैं।
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