टोंक तहसील क्षेत्र के पालड़ा ग्राम पंचायत के अहमदपुरा गांव में मंदिर और मजार के परिक्रमा मार्ग पर अतिक्रमण होने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में नाराजगी फैल गई है। गांव के दर्जनों ग्रामीण सोमवार को इस मुद्दे को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने मांग की कि प्रशासन तुरंत अतिक्रमण हटाकर श्रद्धालुओं के लिए रास्ता खुलवाए।
मंदिर और मजार एक ही परिसर मेंग्रामीणों के अनुसार, अहमदपुरा गांव में एक ही परिसर में हिंदू मंदिर और सूफी संत की मजार स्थित हैं। वर्षों से यहां दोनों समुदायों के लोग मिल-जुलकर पूजा और अकीदत पेश करते आए हैं। मंदिर और मजार की परिक्रमा के लिए एक साझा मार्ग निर्धारित था, जिसका उपयोग दोनों धर्मों के श्रद्धालु करते थे।
हालांकि, हाल के दिनों में कुछ लोगों द्वारा इस परिक्रमा मार्ग पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण कर लिया गया है। इसके चलते श्रद्धालुओं को न केवल असुविधा हो रही है बल्कि धार्मिक आयोजनों के दौरान भी भीड़ प्रबंधन में दिक्कतें आने लगी हैं।
ग्रामीणों की शिकायत और विरोधग्रामीणों ने बताया कि इस अतिक्रमण की शिकायत पहले भी राजस्व विभाग और स्थानीय प्रशासन से की गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने आज सामूहिक रूप से कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन को तेज करेंगे।
ग्रामवासी राजेंद्र मीणा, शब्बीर खान, गोपाल लोधा और अन्य ने बताया कि परिक्रमा मार्ग गांव की धार्मिक एकता और सौहार्द का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “मंदिर और मजार दोनों ही जगह पर लोग समान श्रद्धा रखते हैं। अगर रास्ता बंद रहेगा तो धार्मिक कार्यक्रमों में लोगों को परेशानी होगी और माहौल खराब हो सकता है।”
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांगप्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि तुरंत अतिक्रमण की माप-तौल करवाकर उसे हटाया जाए। साथ ही, परिक्रमा मार्ग को स्थायी रूप से संरक्षित किया जाए ताकि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न उत्पन्न हो।
अधिकारियों का बयानइस संबंध में उपखंड अधिकारी (एसडीएम) टोंक ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है और राजस्व निरीक्षक व पटवारी को मौके पर भेजा गया है। उन्होंने कहा, “अतिक्रमण की जांच की जा रही है। यदि पाया गया कि सार्वजनिक या धार्मिक मार्ग पर कब्जा किया गया है, तो नियमानुसार कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया जाएगा।”
सौहार्द बनाए रखने की अपीलप्रशासन ने दोनों समुदायों से आपसी सौहार्द और शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है, इसलिए किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।
ग्रामीणों में उम्मीदग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन इस बार ठोस कदम उठाएगा और परिक्रमा मार्ग को शीघ्र ही खुलवाएगा। उनका कहना है कि यह रास्ता केवल श्रद्धा का नहीं, बल्कि गांव की एकता और भाईचारे का प्रतीक है, जिसे किसी भी सूरत में बंद नहीं होना चाहिए।
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