राजस्थान के बीकानेर संभाग का सीमावर्ती गांव आनंदगढ़ सीमा से बिल्कुल सटा हुआ है। यहां के 75% निवासी पाक विस्थापित हैं, लेकिन वे हमेशा से ही भारत की भावना की मिसाल रहे हैं। यहां से सीमा बहुत नजदीक है, लेकिन लोगों के दिलों में कोई डर नहीं है। गौरतलब है कि बीकानेर संभाग का सीमावर्ती गांव आनंदगढ़ सीमा से महज 4 या 5 किलोमीटर की दूरी पर है। थोड़ा आगे जाने पर सीमा पर लगी फेंसिंग दिखाई देती है।
हर पल दुश्मन से लड़ने को तैयार
एक तरफ हमारा प्यारा देश हिंदुस्तान है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है। वर्ष 1971 में पाकिस्तान से आए लोग यहां के स्थायी निवासी बन गए हैं। वे हर दिन पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते रहते हैं जो कभी खत्म नहीं होती। लेकिन इस गांव के लोग न सिर्फ जागरूक हैं, बल्कि हर पल दुश्मन से लड़ने को तैयार भी हैं।
1971 में छोड़ना पड़ा था जन्मस्थान
गांव के चौराहे पर बैठकर वे अपने बीते दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि किस तरह 1971 में उन्हें अपना जन्मस्थान छोड़ना पड़ा था। वे अपने साथ पहने हुए कपड़ों के अलावा कुछ भी नहीं ला सके थे। उनमें से एक कुंदन सिंह बताते हैं कि यह पूरा इलाका निर्जन था, जिसमें पाकिस्तान से आए हिंदू रहते थे।
"हम भारतीय हैं, हमने डरना नहीं सीखा"
आनंदगढ़ के पाक विस्थापित बताते हैं कि जिस पाकिस्तान को वे अपना देश मानते थे, उसने हमेशा उनके साथ दुश्मनी का व्यवहार किया। इसलिए उन्हें सम्मान की जिंदगी जीने के लिए हिंदुस्तान आना पड़ा। वैसे भी हमारा अपना देश भारत है। पाकिस्तान दुश्मन देश है और अगर दुश्मन आंख उठाएगा तो हम उसका जवाब देंगे। हम भारतीय हैं, हमने डरना नहीं सीखा।
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