राजसमंद जिले के चारभुजा थाना क्षेत्र के ताड़वाड़ा गुजरान गांव में एक दलित परिवार को अपने बेटे की बिंदौरी निकालने के लिए पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर बारात के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। आयोग ने पुलिस से 15 दिन में रिपोर्ट भी मांगी है।
पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि तीन-चार दिन पहले दलित परिवार के दो भाइयों ने शनिवार को बिंदौरी के जुलूस में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका को लेकर पत्र दिया था। इस पर संज्ञान लेते हुए एसपी ने शनिवार को एएसपी के नेतृत्व में करीब 170 पुलिसकर्मियों को गांव में तैनात कर दिया। सुरक्षा के बीच दलित दूल्हे की बिंदौरी निकाली गई। बताया गया कि शादी रविवार को होनी है। दूल्हे के भाई ने बारात के लिए सुरक्षा मांगी थी। यह मामला मध्य प्रदेश में घोड़चढ़ी के दौरान दलित दूल्हे पर हमला होने की घटना के एक सप्ताह बाद सामने आया है। आयोग ने यह कार्रवाई उस समय की जब दूल्हे के भाई सुरेश ने जिला पुलिस को पत्र लिखकर अपने भाई दिनेश की बारात के लिए सुरक्षा मांगी थी।
इसे लेकर उन्होंने 2022 की एक घटना का हवाला दिया। जिसमें एक दलित युवक की बारात में खलल डाला गया था। मामले की पुष्टि करते हुए एसपी त्रिपाठी ने बताया कि हमने गांव में सुरक्षा के इंतजाम किए हैं और स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी लगाए हैं। बिंदौरी का कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया है। बिंदौरी को लेकर बताया कि इस समारोह में दूल्हे के परिवार की ओर से भीम सेना को बुलाया गया था। इन लोगों ने बिंदौरी में हिस्सा लिया। इस दौरान करीब 170 पुलिसकर्मियों की टुकड़ी तैनात की गई थी। पुलिस ने बताया कि बिंदौरी शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई है। किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई है।
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