Next Story
Newszop

झालावाड़ के बाद राजस्थान के इस जिले में दर्दनाक घटना, स्कूल गेट के नीचे दबने से छात्र की मौत शिक्षक जख्मी

Send Push

राजस्थान के जैसलमेर जिले के हाबूर (पूनमनगर) गाँव स्थित राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सोमवार सुबह एक दुखद घटना घटी। स्कूल का प्रवेश द्वार अचानक ढह गया, जिसके नीचे दबकर 9 वर्षीय छात्र अरबाज खान की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में एक शिक्षक भी गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घायल शिक्षक अस्पताल में भर्ती

जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब सुबह स्कूल खुलने के समय बच्चे स्कूल के प्रवेश द्वार से अंदर जा रहे थे। अचानक मुख्य द्वार ढह गया, जिसके नीचे अरबाज दब गया। हादसे के बाद स्कूल परिसर में चीख-पुकार मच गई। शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने अरबाज को गेट के नीचे से निकाला, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। घायल शिक्षक को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहाँ उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

हादसे से गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों ने अरबाज के शव के साथ स्कूल गेट के बाहर धरना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि स्कूल का प्रवेश द्वार लंबे समय से जर्जर था और इसकी मरम्मत के लिए प्रशासन को कई बार सूचित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि इसी लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली।

हाल ही में झालावाड़ में हुआ था हादसा

बता दें कि कुछ दिन पहले ही, 25 जुलाई को झालावाड़ जिले के पिपलोदी गाँव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी। उस हादसे में 22 बच्चे घायल हुए थे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने पाँच कर्मचारियों को निलंबित कर उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए थे। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने ज़िम्मेदार अधिकारियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की।

फिर उठे ये सवाल?

जैसलमेर में हुए इस ताज़ा हादसे ने फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि सरकारी स्कूलों की मरम्मत के लिए समय पर कदम क्यों नहीं उठाए जाते? बच्चों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की उदासीनता क्यों जारी है? स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस दुर्घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, स्कूलों की जर्जर इमारतों की पहचान कर उनकी तुरंत मरम्मत कराई जाए।

Loving Newspoint? Download the app now