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Ajmer ई-वाहनों के बावजूद पेट्रोल-डीजल वाहनों का क्रेज बरकरार

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अजमेर  न्यूज़ डेस्क, अजमेर वाहनों के धुएं से प्रदूषित होते पर्यावरण के संरक्षण को लेकर सरकारी नीतियों की पालना में ई- बाईक व कारों के साथ लोक परिवहन के ई-रिक्शा आदि सड़कों पर नजर जरुर आने लगी हैं लेकिन कीमतों व लंबी दूरी में चार्जिंग स्टेशनों में कमी के चलते लोगों में अब भी पेट्रोल व डीजल चलित वाहनों के प्रति क्रेज बरकरार है। सबसे बड़ी मुश्किल ई वाहनों की बैट्री की मियाद, उनकी रिचार्जिंग व पुराने के डिस्पोजल की कोई रीति नीति तय नहीं है।

दुपहिया ई वाहन खरीद की रीति-नीति तय नहीं : एक ई बाइक डीलर ने बताया कि दुपहिया ई वाहनों की एसेंबलिंग हरियाणा सोनीपत व पानीपत के आसपास की जा रही है। चीन निर्मित उत्पादों की ऐसेंबलिंग कर वाहनों को बेचा जा रहा है। इसमें कीमतों का भी कोई पैमाना नहीं है। यहां तक विक्रय के उद्देश्य से एक के साथ एक वाहन फ्री तक की ऑफर तक कंपनी की ओर से दी जा रही है। सरकार पहले आठ से दस हजार की सब्सिडी देती थी लेकिन वह अघोषित रूप से बंद कर दी गई है। हालांकि काफी लोगों ने ई बाइक का इस्तेमाल शुरू कर दिया है इसके बावजूद शहर में पेट्रोल वाहनों की तुलना में 10 प्रतिशत ही ई वाहन दौड़ते नजर आ रहे हैं। कुछ कंपनियां खुद के स्तर पर बाईक तैयार कर रहीं हैं ।उनके स्पेयर पार्टव बैट्री सुलभ होने के अपने दावे व गारंटी है। ई-कार व बाईक डीलर्स का कहना है कि मौजूदा समय में बाईक या स्कूटर में 10 प्रतिशत व कारों में 20 प्रतिशत से अधिक ई वाहनों की बिक्री होती है। शेष करीब 80 प्रतिशत पेट्रोल डीजल व सीएनजी चलित वाहनों की बिक्री हो रही है।

ई कारों की बैट्री कितनी दूर तक चलेगी इसका नहीं लगता अनुमान

एक प्रतिष्ठित ई कार डीलर ने बताया कि ई व्हीकल्स को लेकर पारदर्शिता नजर नहीं आ रही। पहले सबसे पहले तो इसे चलाने वाली बैट्री कितनी चलेगी इसका अनुमान नहीं। पुरानी बैट्री कहां फेंके इसके डिस्पोजल की नीति तय नहीं। अधिकतम यह बैट्री वाहन के इंजन की क्षमता अनुसार 150 से 300 किमी तक चलती है। ऐसे में लंबी दूरी के लिए ई व्हीकल ले जाने के लिए सोचना पड़ेगा। फिलहाल शहरी सीमा के लिए लोगों के लिए सुलभ है।

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