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लापरवाही की ड्राइव: राजस्थान में 80% महिलाएं चला रही हैं वाहन बिना लाइसेंस, सड़क सुरक्षा पर खड़े हुए बड़े सवाल

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उदयपुर शहर में हर साल बिकने वाले चौपहिया और दुपहिया वाहनों में से लोग टैक्स और अन्य छूट के चलते महिलाओं के नाम पर वाहन तो पंजीकृत करा लेते हैं, लेकिन लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं करते। ऐसे में अगर कोई बिना लाइसेंस के वाहन चलाता है, तो कई बार दुर्घटना होने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाता है और जुर्माना भी लगाया जाता है। हाल ही में अदालत में आए कई मामलों में ऐसा हुआ। इनमें कई महिलाओं को बिना बीमा वाले वाहनों और लाइसेंस न होने के कारण अदालत के चक्कर लगाने पड़े।

डीएल न होने पर 5 हजार तक जुर्माना
पंजीकृत वाहनों में केवल छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को ही लाइसेंस मिलता है। इनमें से अधिकांश तो केवल वाहन की मालिक होती हैं। परिवहन अधिकारियों के अनुसार, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर अधिकतम जुर्माना 5 हजार है। अगर चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) नहीं है, तो दुर्घटना होने पर बीमा क्लेम नहीं मिलता।

हर साल 1.05 लाख नए वाहन पंजीकृत होते हैं
जिले में हर साल करीब 1.05 हजार चौपहिया और दुपहिया वाहन पंजीकृत होते हैं। इनमें से 25 से 30 प्रतिशत वाहन महिलाओं के नाम पर पंजीकृत हैं, लेकिन उन्हें लाइसेंस नहीं मिलता। प्रतिदिन बनने वाले लगभग 130 लाइसेंसों में महिलाओं की संख्या लगभग 26 है। लाइसेंस न होने के कारण, दुर्घटना या कर चोरी के समय इन महिलाओं को ढूँढना मुश्किल होता है।

यह है स्थिति
-उदयपुर शहर में कुल 4.82 लाख वाहन पंजीकृत
-जिले में हर साल 95,670 वाहन पंजीकृत होते हैं
-आधे वाहन समाप्ति तिथि के बाद मृत घोषित कर दिए जाते हैं
यह है एक वर्ष में बनने वाले लाइसेंसों की संख्या

श्रेणी-दोपहिया-चार पहिया
पुरुष-17452-16559
महिला-3951-3254

जो महिलाएं वाहन चलाना जानती हैं, उन्हें अपना लाइसेंस अवश्य बनवाना चाहिए। वाहन खरीदते समय तुरंत लाइसेंस के लिए आवेदन करें। ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। दुर्घटना के कई ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जिनमें महिलाओं के वाहन मालिक होने के बावजूद उन पर कार्रवाई की जाती है।

किसी भी वाहन को खरीदने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन अगर उस वाहन से दुर्घटना होती है, तो वाहन मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता है। अगर वाहन का बीमा और लाइसेंस नहीं है, तो भी वाहन मालिक ही ज़िम्मेदार होता है। ऐसे में, चाहे वह पुरुष हो या महिला, उन्हें वाहन खरीदने के साथ ही लाइसेंस ज़रूर बनवाना चाहिए।

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