भारत के पड़ोसी देश नेपाल में इन दिनों भयंकर राजनीतिक संकट का माहौल है। नेपाल में Gen-Z संगठन के युवाओं द्वारा पूरे देश में उत्पात मचाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक को आग के हवाले कर दिया है और हिंसा का एक बड़ा सिलसिला शुरू हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद से देश में स्थिति पूरी तरह से बेकाबू हो गई है और नेपाल में अराजकता फैल गई है।
इस हिंसात्मक आंदोलन के कारण न सिर्फ नेपाल के नागरिकों की ज़िंदगी प्रभावित हो रही है, बल्कि दूसरे देशों के नागरिक भी यहां फंसे हुए हैं। नेपाल में भारत के कई लोग रहते हैं और बड़ी संख्या में पर्यटक भी नेपाल आते हैं। अब इस हिंसा और असुरक्षित माहौल में भारतीय नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जिनमें राजस्थान के लोग भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, नेपाल में फंसे हुए भारतीय नागरिकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। खासतौर पर पर्यटकों के रूप में आए लोग, जिनके लिए नेपाल के कई हिस्सों में यात्रा करना अब खतरनाक हो गया है, वे अब नेपाल के विभिन्न शहरों में फंसे हुए हैं। इनमें राजस्थान के कई नागरिक भी शामिल हैं। इन लोगों ने भारत सरकार से मदद की अपील की है और नेपाल में जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी की मांग की है।
नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों के लिए हालात बहुत गंभीर हो गए हैं। यहां की सार्वजनिक सुविधाएं ठप पड़ चुकी हैं, सड़कों पर उत्पात मच रहा है और विभिन्न इलाकों में हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। अस्पतालों, होटल्स, और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हो गए हैं, जिससे यहां फंसे भारतीय नागरिकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय दूतावास ने इस संकट के मद्देनज़र नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है और राहत कार्यों की शुरुआत की है। भारत सरकार ने नेपाल सरकार से भी संपर्क किया है, ताकि वहां फंसे भारतीय नागरिकों की जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके।
राजस्थान के नागरिकों की बात करें तो जयपुर, उदयपुर और अन्य जिलों से जुड़े लोग नेपाल में फंसे हुए हैं। उनका कहना है कि नेपाल में हिंसा के कारण न तो वे सही से यात्रा कर पा रहे हैं और न ही उनका रहना सुरक्षित है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित भारत लाने के उपाय करें।
भारतीय दूतावास और नेपाल सरकार ने मिलकर राहत अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन देशभर से आ रही परेशानियों के कारण यह राहत कार्य आसान नहीं हो रहा है। इस संकट ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि नेपाल में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, खासकर उन विदेशी नागरिकों के लिए जो यहां टूरिस्ट या कामकाजी उद्देश्य से आए हैं।
नेपाल में इस समय की हिंसात्मक घटनाओं ने केवल नेपाल के नागरिकों को ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देशों के नागरिकों को भी संकट में डाल दिया है। अब देखना यह है कि नेपाल सरकार और भारत सरकार मिलकर इस कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाती हैं।
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