राजस्थान में शिक्षक अगले तीन दिनों तक विरोध प्रदर्शन करेंगे। परीक्षा ड्यूटी को लेकर व्याप्त अव्यवस्था से असंतुष्ट शिक्षकों का कहना है कि लगातार ड्यूटी उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। साथ ही, शिक्षण प्रक्रिया भी बाधित हो रही है, जिसके लिए अंततः शिक्षक ही ज़िम्मेदार होंगे। इन्हीं मांगों को लेकर शिक्षकों ने विरोध का रास्ता अपनाया है। दरअसल, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) 19 से 21 सितंबर तक ग्रुप डी के 53,749 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करेगा। इस दौरान शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। अव्यवस्था की शिकायत करते हुए राधाकृष्णन शिक्षक संघ और राधाकृष्णन शिक्षक सेना ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
काले कपड़े पहनकर विरोध
पहले दिन शिक्षक ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधेंगे और दूसरे दिन काले कपड़े पहनकर अपना विरोध जताएंगे। तीसरे दिन वे परीक्षा केंद्रों पर पहली और दूसरी पाली के बीच पाँच मिनट तक खड़े रहकर अपना असंतोष व्यक्त करेंगे। संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज़ होगा। राधाकृष्णन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय सोनी का कहना है कि शिक्षकों को प्रतिदिन आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए लगातार 13 घंटे काम करना पड़ता है। उन्हें 80-100 किलोमीटर दूर पदों पर नियुक्त किया जाता है, लेकिन यात्रा भत्ता या रात्रि विश्राम का कोई प्रावधान नहीं है।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार और आयोग उनकी जायज़ मांगों को गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। शिक्षक नेताओं का कहना है कि यह लड़ाई शिक्षा व्यवस्था में सुधार और मानवीय संवेदनाओं के साथ शिक्षकों को न्याय दिलाने के लिए है। प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि शिक्षक समुदाय अब करो या मरो की लड़ाई के मूड में है।
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