दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार जोसेफ़ विजय, जिन्हें उनके फ़ैंस 'थलपति' के नाम से जानते हैं, तमिलनाडु के साथ-साथ हिंदी भाषी इलाक़ों में भी बेहद लोकप्रिय हैं.
फ़िल्मों में सफलता के बाद अब वह राजनीति में भी सक्रिय हो गए हैं.
शनिवार को उनका नाम एक बार फिर सुर्ख़ियों में तब आया जब तमिलनाडु के करूर में उनकी पार्टी तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) की रैली के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 39 लोगों की मौत हो गई.
इस घटना पर विजय ने सोशल मीडिया पर गहरा दुख और सदमा जताया. साथ ही मारे गए लोगों के लिए 20-20 लाख रुपये और घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये की मदद की घोषणा की.
यह हादसा उस वक़्त हुआ जब शनिवार शाम विजय करूर में तमिलगा वेट्री कड़गम पार्टी की एक रैली को संबोधित कर रहे थे.
विजय की ज़िंदगी भी किसी फ़िल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं रही, फ़िल्मी माहौल में जन्म, बचपन से ही अभिनय की शुरुआत, संघर्ष के बाद स्टारडम हासिल करना, पिता से मतभेद और फिर राजनीति में उतरना.

विजय का पूरा नाम जोसेफ़ विजय चंद्रशेखर है. उनका जन्म 22 जून 1974 को चेन्नई में हुआ.
पिता एस.ए. चंद्रशेखर तमिल सिनेमा के जाने-माने निर्देशक रहे हैं और माँ शोभा एक गायिका थीं.
फ़िल्मी माहौल में पले-बढ़े विजय ने बहुत कम उम्र में ही अभिनय शुरू कर दिया.
उनके पिता ने उन्हें 'वेट्री' फ़िल्म में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करने का मौक़ा दिया. बचपन से ही विजय ने तय कर लिया था कि उनका भविष्य सिनेमा में ही है.
कॉलेज में उन्होंने विज़ुअल मीडिया की पढ़ाई शुरू की थी, लेकिन अभिनय के जुनून के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी.
बाद में उनकी माँ शोभा ने एक स्क्रिप्ट लिखी और पिता एस.ए. चंद्रशेखर ने उस पर फ़िल्म बनाई. इसी फ़िल्म 'नालैया थीरपू' (1992) से विजय ने बतौर हीरो शुरुआत की.
हालांकि यह फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर उतनी सफलता हासिल नहीं कर सकी, जितनी इससे उम्मीद थी. लेकिन इसने विजय के करियर की नींव रख दी.
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विजय के शुरुआती करियर की पहचान 'फ़ॉर्मूला फ़िल्मों' से जुड़ी रही, जिनमें एक्शन और रोमांटिक गानों का भरपूर मेल होता था.
लेकिन समय के साथ उनकी यह छवि बदल गई. कॉमेडी, एक्शन और सामाजिक विषयों वाली फ़िल्मों में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई और धीरे-धीरे साधारण हीरो से 'थलपति' (सेनापति) बन गए.
'गिल्ली' जैसी सुपरहिट फ़िल्म ने उन्हें 'मास हीरो' की छवि दी और छोटे बच्चों तक को उनका प्रशंसक बना दिया.
वहीं 'कथी' ने उनके अभिनय को सामाजिक और राजनीतिक संदेशों से जोड़ा, जबकि 'थेरी', 'मर्सल' और 'बिगिल' जैसी फ़िल्मों ने बॉक्स ऑफ़िस पर रिकॉर्ड बनाए.
अभिनय के साथ-साथ विजय को बेहतरीन डांसर भी माना जाता है.
निजी ज़िंदगीविजय की निजी ज़िंदगी में अहम मोड़ तब आया जब लंदन में पली-बढ़ी संगीता उनकी फ़िल्म देखकर उनकी फ़ैन बनीं.
धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हुई और फिर यह रिश्ता आगे बढ़ा.
25 अगस्त 1999 को परिवार की सहमति से विजय ने संगीता से शादी की.
शादी के बाद संगीता उनकी निजी कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर बन गईं और कहा जाता है कि आज भी विजय वही कपड़े पहनते हैं जिन्हें उनकी पत्नी चुनकर देती हैं.
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फ़रवरी 2024 में विजय ने राजनीति में औपचारिक रूप से क़दम रखा और अपनी पार्टी तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) की घोषणा की.
उन्होंने साफ़ किया कि वह संसद (2024 लोकसभा) का चुनाव नहीं लड़ेंगे और न ही किसी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे, बल्कि उनका ध्यान 2026 के विधानसभा चुनावों पर रहेगा.
इसी एलान के साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह सिनेमा छोड़ रहे हैं.
टीवीके की पहली रैली 27 अक्तूबर 2024 को तमिलनाडु के विल्लुपुरम ज़िले के विक्रवंडी में हुई, जहाँ भारी भीड़ उमड़ी.
मंच से विजय ने लोगों को बांटने वाली राजनीति करने वाली पार्टियों को आड़े हाथों लिया और कहा कि ऐसी ताक़तें वैचारिक रूप से उनकी पार्टी की विरोधी हैं.
उन्होंने द्रविड़ मॉडल के नाम पर धोखाधड़ी करने और "एक परिवार पर राज्य को लूटने" का आरोप भी लगाया.
राजनीति में आने से पहले विजय के परिवार में भी विवाद छिड़ा.
उनके पिता एस. ए. चंद्रशेखर ने पहले ही ऑल इंडिया थलपति विजय मक्कल इयक्कम नाम से एक पार्टी बनाई थी. इसको लेकर विजय और उनके पिता के बीच मतभेद सामने आए.
विजय ने अपने माता-पिता समेत 11 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराया था और मांग की थी कि उनके नाम का इस्तेमाल किसी चुनावी गतिविधि या भीड़ जुटाने के लिए न किया जाए.
'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़ चंद्रशेखर ने इससे पहले भी विजय के फ़ैन क्लब को ऑल इंडिया थलपति विजय मक्कल इयक्कम के तहत एक राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर करने की कोशिश की थी.
इस विवाद के बाद विजय ने एक बयान में कहा था, "मैं अपने प्रशंसकों और जनता को बताना चाहता हूं कि मेरे पिता की राजनीतिक पार्टी और मेरे बीच प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई भी संबंध नहीं है."
सिनेमा को छोड़ने का एलानजनसभा को संबोधित करते हुए विजय ने कहा कि राजनीति में आने के लिए उन्होंने अपना अभिनय करियर और कमाई दोनों पीछे छोड़ दिए हैं.
वह पहले ही साफ़ कर चुके थे कि राजनीति में सक्रिय होने के बाद अभिनय छोड़कर पूरी तरह समाजसेवा करेंगे.
सितंबर 2024 में प्रोडक्शन हाउस केवीएन ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि फ़िल्म 'थलपति 69' विजय की आख़िरी फ़िल्म होगी.
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अपनी पहली रैली में विजय ने टीवीके की विचारधारा पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा था, "हम द्रविड़ राष्ट्रवाद और तमिल राष्ट्रवाद को अलग नहीं करेंगे. ये दोनों इस मिट्टी की दो आँखें हैं. हमें ख़ुद को किसी ख़ास पहचान तक सीमित नहीं रखना चाहिए."
विजय ने बताया कि उनकी पार्टी धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर आधारित होगी.
उन्होंने कहा कि टीवीके पेरियार के दिखाए रास्ते पर चलेगी, जिसमें महिला सशक्तीकरण और सामाजिक न्याय की बात शामिल है. हालांकि उन्होंने साफ़ किया कि पेरियार के नास्तिकता वाले विचार को वह स्वीकार नहीं करते.
इसके अलावा विजय ने यह भी साफ़ किया कि टीवीके राज्य में दो भाषाओं की नीति को समर्थन देगी. उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज तमिल और अंग्रेज़ी दोनों में होना चाहिए.
विजय का कहना है कि उनकी पार्टी जातिगत जनगणना का समर्थन करती है.
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