मोहम्मद सिराज और आकाश दीप की गेंदबाज़ी ने भारत को एजबेस्टन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन ड्राइविंग सीट पर बैठा दिया है. भारत ने इंग्लैंड की पहली पारी 407 रनों पर रोककर पहली पारी में 180 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली.
भारत ने तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक यशस्वी जायसवाल का विकेट गंवाकर 64 रन बना लिए हैं. अब कुल बढ़त 244 रन हो गई है. इस टेस्ट में जीत की संभावनाएं बनाए रखने के लिए चौथे दिन बल्लेबाज़ी करके 500 रनों तक की बढ़त हासिल करनी होगी. अगर भारत को जीत मिलती है तो सिरीज़ 1-1 से बराबर हो जाएगी.
हैरी ब्रुक और जेमी स्मिथ ने शतक लगाकर इंग्लैंड को संकट से निकालने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन टीम के छह बल्लेबाज़ों के शून्य पर आउट होने की वजह से वह भारत की पहली पारी के स्कोर 587 रनों के आसपास पहुंचने में सफल नहीं हो सकी.
मोहम्मद सिराज ने अपने शानदार प्रदर्शन से भारत के प्रमुख पेस गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह की कमी नहीं खलने दी.
बुमराह को वर्कलोड को ध्यान में रखकर इस टेस्ट में आराम दिया गया था. इस फ़ैसले की आलोचना भी हुई. भारत के मौजूदा पेस अटैक में बुमराह और सिराज के अलावा बाक़ी गेंदबाज़ों को पांच टेस्ट मैचों की सिरीज़ खेलने का भी अनुभव नहीं है.
सिराज ने बेहतरीन गेंदबाज़ी करते हुए 70 रनों पर छह विकेट लिए. वह एजबेस्टन मैदान पर पांच या उससे अधिक विकेट लेने वाले भारत के चेतन शर्मा, कपिल देव और ईशांत शर्मा की जमात में शामिल हो गए हैं. उन्हें आकाश दीप से अच्छा सहयोग मिला, जिन्होंने चार विकेट लिए.
वह इस मैदान पर भारतीय गेंदबाज़ों में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज़ बन गए हैं. उनसे बेहतर प्रदर्शन चेतन शर्मा ने 1986 में 58 रनों पर छह विकेट लेकर किया था.
इस प्रदर्शन पर सिराज ने दिन का खेल ख़त्म होने के बाद कहा, "मैं इस प्रदर्शन का पिछले एक साल से इंतज़ार कर रहा था. पिछले एक साल से अच्छी गेंदबाज़ी कर रहा था पर विकेट नहीं मिल रहे थे. विकेट बहुत धीमा था, इसलिए मैंने एक जगह पकड़कर गेंदबाज़ी की और प्रयास किया कि कम से कम रन दूं. मुझे अटैक की अगुआई करने का भी एहसास था."
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भारत को दिन की शुरुआत में ही दो सफलताएं मिल जाने के बाद इंग्लैंड की पारी लड़खड़ाती नज़र आ रही थी, लेकिन हैरी ब्रुक और जेमी स्मिथ के शतकों ने इंग्लैंड को मुक़ाबले में लौटाया.
उन्होंने टीम के पांच विकेट गिरने के बाद भी आक्रामक अंदाज़ में खेलकर भारतीय गेंदबाज़ों पर दबाव बनाए रखा. इसी के साथ ही जेमी स्मिथ महज़ 80 गेंदों में शतक बनाकर इंग्लैंड के लिए तीसरा सबसे तेज़ टेस्ट शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ बन गए.
स्मिथ जिस तरह खेल रहे थे, उससे उनका करियर का पहला दोहरा शतक लगना तय लग रहा था, पर दूसरे छोर पर बल्लेबाज़ों का सहयोग नहीं मिलने पर वह 184 रनों पर नाबाद रहे. इसमें उन्होंने 21 चौके और चार छक्के लगाए. वहीं, हैरी ब्रुक ने 158 रन की पारी खेलकर अपने करियर का नौवां शतक लगाया.
स्मिथ ने प्रसिद्ध कृष्णा के ख़िलाफ़ आक्रामक अंदाज़ में खेलना शुरू किया. स्मिथ ने प्रसिद्ध कृष्णा के एक ओवर में चार चौकों और एक छक्के से 23 रन बनाकर अपना अंदाज़ दिखा दिया.
स्मिथ के आक्रामक अंदाज़ में खेलने से हैरी ब्रुक की पारी कुछ धुंधली पड़ गई. हां, इतना ज़रूर है कि जोड़ीदार के तेज़ी से रन बनाने से ब्रुक भी तेज़ी से रन बनाने लगे. यह वह दौर था जब भारतीय गेंदबाज़ असहाय नज़र आने लगे थे.
इस जोड़ी के बीच छठे विकेट की साझेदारी में 368 गेंदों में 303 रन जुड़े. यह इंग्लैंड की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है. इसमें हैरी ब्रुक ने 127 रनों का और जेमी स्मिथ ने 170 रनों का योगदान दिया.

भारत ने इंग्लैंड के तीन प्रमुख विकेट दूसरे दिन ही निकालकर दबाव बना दिया था. तीसरे दिन की सुबह खेल शुरू होने पर सिराज ने अपने पहले ही ओवर में जो रूट और कप्तान बेन स्टोक्स के विकेट निकालकर स्कोर पांच विकेट पर 84 रन कर दिया.
यह वह स्थिति थी जब लग रहा था कि भारत इंग्लैंड को फॉलोऑन कराने में सफल हो जाएगा. लेकिन सिराज और आकाश दीप के हटते ही बाक़ी गेंदबाज़ उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके. सबसे ख़राब प्रदर्शन प्रसिद्ध कृष्णा का रहा.
उन्होंने शॉर्ट गेंदों का इस्तेमाल करने की रणनीति अपनाई और इससे स्थिति और भी बिगड़ गई. प्रसिद्ध की ढीली गेंदबाज़ी से इंग्लैंड की जोड़ी, ख़ासतौर पर जेमी स्मिथ ने ऐसे हाथ खोले कि भारतीय गेंदबाज़ पहले सत्र में पूरी तरह दबाव में आ गए.
इस दबाव से भारतीय स्पिनर रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर भी नहीं निकल सके. इन दोनों ने भी जमकर रन लुटाए.
इस मौक़े पर भारत के रिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव की कमी महसूस की गई. वह होते तो शायद हालात का फ़ायदा उठा सकते थे. इस स्थिति में इंग्लैंड को दबाव में लाकर काफ़ी पहले समेटा जा सकता था.
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भारत ने जैसे ही दूसरी नई गेंद ली, इंग्लैंड की पारी पर ब्रेक लग गया और वह 407 रन पर सिमट गई. इससे भारत को पहली पारी में 180 रनों की अहम बढ़त मिल गई.
आकाश दीप ने हैरी ब्रुक को बोल्ड करके इंग्लैंड को बड़ा झटका दिया. इसके बाद पारी का पतन शुरू हुआ और मात्र 20 रनों के भीतर आख़िरी पांच विकेट गिरने से पारी 407 रनों पर थम गई.
सिराज और आकाश दीप ने आपस में कुल 10 विकेट लिए.
इंग्लैंड पहली पारी में पिछड़ने की भरपाई भारत की दूसरी पारी में शुरुआती झटके देकर करना चाहता था.
भारत के लिए यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल ने आक्रामक अंदाज़ में शुरुआत करके गेंदबाज़ों पर दबाव बनाए रखा.
इस जोड़ी ने मात्र 7.4 ओवरों में 51 रन जोड़कर बता दिया कि इस बार वे पहले टेस्ट जैसी ग़लती नहीं दोहराने वाले हैं. हालांकि इंग्लैंड यशस्वी का विकेट लेने में सफल रहा. उन्होंने छह चौकों की मदद से 28 रन बनाए.
यशस्वी के साथ केएल राहुल भी आक्रामक अंदाज़ में खेलते नज़र आए, यही वजह रही कि गेंदबाज़ों को दबाव बनाने का मौक़ा नहीं मिल सका. अब केएल राहुल और करुण नायर आज पहले सत्र में किस तरह खेलते हैं, उस पर मैच की दिशा निर्भर करेगी.
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