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Tata ग्रुप ने बनाया 5 साल में 5 लाख नौकरियां देने का प्लान, इन सेक्टर में मिलेगा रोजगार

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नई दिल्ली: Tata ग्रुप का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है क्योंकि कंपनी ने अगले पांच वर्षों में 5,00,000 नौकरियों का सृजन करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है. यह जानकारी Tata ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने 15 अक्टूबर को एक संगोष्ठी में साझा की जहां उन्होंने बताया कि ये नौकरियां सेमीकंडक्टर्स, इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी और संबंधित उद्योगों में होंगी.चंद्रशेखरन ने जोर देकर कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए निर्माण नौकरियों का सृजन अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, "हम विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते यदि हम निर्माण नौकरियां नहीं बना सकते."ग्रुप के विभिन्न क्षेत्रों में निवेशों के माध्यम से यह भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी. चंद्रशेखरन ने बताया कि, "हमारे सेमीकंडक्टर्स, प्रिसीजन मैन्युफैक्चरिंग, असेंबली, इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी में निवेश के चलते, मैं मानता हूं कि हम अगले पांच वर्षों में पांच लाख मैंन्युफैक्चरिंग़ नौकरियां पैदा करेंगे."इस दौरान टाटा ग्रुप नए संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है जिसमें असम में एक सेमीकंडक्टर संयंत्र और इलेक्ट्रिक वाहनों तथा बैटरी के लिए अन्य इकाइयाँ शामिल हैं. चंद्रशेखरन ने कहा कि इन नौकरियों का एक महत्वपूर्ण मल्टीप्लायर प्रभाव होगा, जिससे कई छोटे और मध्यम आकार की कंपनियों का विकास होगा.उन्होंने इस पहल के लिए सरकारी समर्थन की आवश्यकता पर भी जोर दिया. चंद्रशेखरन ने बताया कि आधुनिक निर्माण, जैसे सेमीकंडक्टर्स, हर प्रत्यक्ष नौकरी के लिए कई अप्रत्यक्ष नौकरियों का निर्माण करता है. उन्होंने अंत में कहा कि भारत को बढ़ती कार्यबल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 100 मिलियन नौकरियों का सृजन करना होगा.नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑर्गनाइजेशन (NSO) की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 11 लाख नौकरियां पैदा हुई थीं, जो वित्त वर्ष 2023 में बढ़कर 13 लाख हो गई हैं. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य महाराष्ट्र है, इसके बाद गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का स्थान आता है.

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