Next Story
Newszop

ईरान-इजराइल तनाव: होर्मुज स्ट्रेट बंद होने की आशंका के बीच तेल संकट से भारत कैसे बचेगा? ये है सरकार का प्लान

Send Push
मिडिल ईस्ट ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव पूरे विश्व के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है. अमेरिकी हमलों के बाद तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाए पैर पसार रही हैं. होर्मुज स्ट्रेट बंद होने की आशंका ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है. इसे ग्लोबल क्रूड ऑइल ट्रेड की लाइफलाइन माना जाता है, क्योंकि इसके माध्यम से लगभग 20-30% कच्चा तेल और गैस का ट्रांसपोर्ट होता है. भारत अपनी 85% तेल आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर है. ऐसे भारत पर इसका क्या असर पड़ेगा? केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बढ़ते क्रूड ऑइल की कीमतों के बीच सरकार की प्लानिंग के बारे में बताया.



होर्मुज स्ट्रेट क्यों है खास?ओमान और ईरान के बीच है स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य. जो पूरी दुनिया के सबसे व्यस्त और स्ट्रेटेजीक ऑइल ट्रांसपोर्टेशन मार्गों रूट्स में से एक है. इसी मार्ग से सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे प्रमुख तेल उत्पादक देशों से क्रूड ऑइल निर्यात होता है. भारत में भी रोजाना की कुल 5.5 मिलियन बैरल की तेल खपत का लगभग 1.5-2 मिलियन बैरल इस मार्ग से आयात होता है. अब जब इसके बंद होने की आशंका बढ़ गई है तो क्या ये भारत के लिए चिंता का कारण है?



आसमान पर क्रूड ऑइल के दाम ईरान की संसद ने 22 जून 2025 को होर्मुज स्ट्रेट बंद करने का प्रस्ताव पारित किया. जिस पर अभी सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के द्वारा अंतिम फैसला लिया जाएगा. लेकिन इस खबर के बाद है तेल की कीमतों में तेजी आ गई. ब्रेंट क्रूड के दाम 75.65 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए.



होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से भारत पर प्रभाव यदि होर्मुज स्ट्रेट बंद होता है तो इससे कच्चे तेल की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है. इसका असर भारत के तेल आयात बिल पर पड़ेगा. कीमतें बढ़ने से मुद्रास्फीति और रुपये की कीमत भी प्रभावित हो सकती है. इस स्थिति से निपटने के लिए वाणिज्यिक मंत्रालय ने आपात बैठक बुलाई.



भारत के पास है कई हफ्तों का स्टॉक क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने देश के लोगों को राहत देते हुए बताया कि कि भारत की तेल आपूर्ति पूरी तरह सुरक्षित है और जनता को घबराने की जरूरत नहीं है. देश की तेल कंपनियों के पास कई हफ्तों का स्टॉक है. कुछ कंपनियों के पास तो 25 दिन का स्टॉक भी बचा है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमारी सप्लाई का बड़ा हिस्सा अब होर्मुज स्ट्रेट से नहीं आता. इसलिए यदि यह बंद भी हो जाता है तो भारत इससे बड़े स्तर पर प्रभावित नहीं होगा.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह भी बताया कि पिछले कुछ सालों से भारत ने अपने तेल आयात स्रोतों को बढ़ाया है. पहले 27 देश थे जो अब बढ़कर 40 देश हो गए हैं. भारत रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है. इतना ही नहीं भारत अपने घरेलू तेल उत्पादन को भी बढ़ने का काम कर रहा है. अंडमान में तेल इन्वेस्टीगेशन से पॉजिटिव रिजल्ट मिले हैं. इसके अलावा भारत के पास वैकल्पिक ईंधन के कई स्रोत भी है.

Loving Newspoint? Download the app now