धर्म का उद्देश्य लोगों को एकजुट करना और मानसिक शांति प्रदान करना है। धार्मिक ग्रंथों में जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा दी जाती है। लेकिन, कुछ लोग धर्म का गलत अर्थ निकालते हैं। हाल ही में युगांडा से एक च shocking घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने अपनी बेटी को उसके धर्म परिवर्तन के कारण जिंदा जला दिया।
यह घटना युगांडा की है, जहां 24 वर्षीय रहेमा क्योमुहेंदो को गंभीर स्थिति में एम्बेल रीजनल रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
रहेमा के पेट, पैर, गले और पीठ पर गंभीर जलन के निशान थे। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज अगले एक महीने तक जारी रहेगा।
जब वह अस्पताल पहुंची, तब उसकी स्थिति बहुत गंभीर थी। होश में आने पर उसने अपने पिता की क्रूरता के बारे में बताया। उसने कहा कि उसके पिता ने उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, इस्लाम धर्म से संबंधित रहेमा ने अपने पिता के खिलाफ जाकर ईसाई धर्म अपनाया था। युगांडा में 84 प्रतिशत लोग ईसाई हैं।
जब उसके पिता को पता चला कि उसकी बेटी ने इस्लाम छोड़कर ईसाई धर्म अपनाया है, तो उसने घर में रखे पेट्रोल को उस पर छिड़ककर आग लगा दी।
रहेमा का पिता एक इस्लामिक धर्मगुरु है। वह कुछ समय से अपनी आंटी के घर रह रही थी, जहां उसने रेडियो पर ईसाई धर्म के बारे में सुना और उसमें रुचि विकसित की।
उसने अपने पिता के एक पादरी मित्र से संपर्क किया और धर्म परिवर्तन कर लिया। जब उसके पिता को इस बात का पता चला, तो उसने पहले उसे पीटा और फिर रमजान के ग्यारहवें दिन आग लगाकर उसे मारने की कोशिश की। युगांडा एक ऐसा देश है जहां 84 प्रतिशत लोग ईसाई हैं, जबकि 14 प्रतिशत लोग इस्लाम का पालन करते हैं।
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