बचत खाता (सेविंग अकाउंट) आपकी दैनिक गतिविधियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसमें आपकी सैलरी आती है, बिलों का भुगतान होता है, ईएमआई कटती है, और रिश्तेदार पैसे भेजते हैं। हालांकि, ये सामान्य लेन-देन भी आयकर विभाग की निगाह में आ सकते हैं, इसलिए अपने सभी बैंक लेन-देन की जानकारी रखना महत्वपूर्ण है।
बड़े वित्तीय लेन-देन पर ध्यान
आयकर विभाग अपने डेटा मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग करके उन सभी बड़े वित्तीय लेन-देन पर नजर रखता है, जिनसे टैक्स चोरी की संभावना हो सकती है। यह निगरानी केवल अमीरों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामान्य खाताधारकों पर भी लागू होती है। आइए जानते हैं ऐसे 7 बैंक ट्रांजेक्शन के बारे में, जो आयकर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।
बड़ी नकद जमा या निकासी
यदि आप किसी व्यापारिक सौदे या शादी के लिए बड़ी मात्रा में नकद जमा या निकालते हैं, तो यह कानूनी होते हुए भी संदिग्ध माना जा सकता है। बैंकों को ऐसी असामान्य नकद गतिविधियों पर ध्यान देना होता है, और आयकर विभाग आपसे पैसे के स्रोत और उपयोग के बारे में पूछ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने ₹1-2 लाख रुपये नकद जमा करते हैं, तो आपकी जांच हो सकती है।
खाते में ₹10 लाख से अधिक राशि
यदि आप किसी वित्तीय वर्ष में अपने खाते में कुल ₹10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को देता है। यदि आप ₹12 लाख रुपये जैसी बड़ी राशि जमा करते हैं और उसे अपने आयकर रिटर्न में नहीं दिखाते हैं, तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है, जिसका जवाब देना अनिवार्य होगा।
क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान
यदि आप अपने बड़े क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान बड़ी राशि में या बड़े बैंक ट्रांसफर के जरिए करते हैं, तो इससे आयकर विभाग को संदेह हो सकता है। विभाग आपकी आय और खर्चों की तुलना करता है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी सालाना आय ₹6 लाख है, लेकिन आप हर महीने ₹1 लाख का क्रेडिट कार्ड बिल चुकाते हैं, तो विभाग को यह संदेह हो सकता है कि आपकी वास्तविक आय, घोषित आय से कहीं अधिक है।
₹10 लाख से अधिक खर्च पर नजर
यदि आपने विदेश यात्रा, पढ़ाई या फॉरेक्स कार्ड पर ₹10 लाख रुपये से अधिक खर्च किया है, तो इसकी जानकारी भी आयकर विभाग तक पहुँचती है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि विदेश में खर्च की गई राशि आपकी वैध और घोषित आमदनी से आई है।
₹30 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने की जानकारी
यदि आप ₹30 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते हैं, तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को अपने आप मिल जाती है। यदि आपके खाते में अचानक कोई बड़ा लेन-देन होता है और वह प्रॉपर्टी डील से जुड़ा है, तो विभाग यह जांच कर सकता है कि आपने आयकर रिटर्न में उस आय को सही ढंग से दिखाया है या नहीं।
बड़ी रकम का स्रोत न बताना
यदि आप अपने खाते में कोई बड़ी रकम जमा करते हैं, लेकिन उसका स्रोत नहीं बता पाते हैं, जैसे कि गिफ्ट या 'दोस्त से लिया लोन', तो इस पर आयकर विभाग सवाल उठा सकता है। सही सबूत या दस्तावेज़ न होने पर इस रकम को अघोषित आय माना जा सकता है, जिस पर विभाग कार्रवाई कर सकता है। इसके अलावा, यदि कोई बैंक खाता लंबे समय से बंद रहा हो और उसमें अचानक कोई बड़ी रकम जमा या ट्रांसफर हो जाए, तो बैंक इसे संदिग्ध गतिविधि मानकर जांच के लिए रडार पर ले सकता है।
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