अमेरिका में एक नए बुखार ने चिंता बढ़ा दी है, जिसे तुलारेमिया के नाम से जाना जाता है। इसे आमतौर पर रैबिट फीवर कहा जाता है। हाल के दिनों में, इस बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रैबिट फीवर के कारण
रैबिट फीवर ट्यूलरेमिया बैक्टीरिया के कारण होता है, जो जानवरों और मनुष्यों दोनों को संक्रमित कर सकता है। खरगोश, जंगली खरगोश और चूहे इस बीमारी के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। संक्रमण कई तरीकों से हो सकता है, जैसे कि टिक या हिरण मक्खी के काटने से, दूषित पानी पीने से, या कृषि धूल को श्वास में लेने से।
रैबिट फीवर के लक्षण
यह बीमारी हल्की से गंभीर हो सकती है। ट्यूलरेमिया के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि बैक्टीरिया शरीर में कैसे प्रवेश करता है।
त्वचा पर घाव: संक्रमित जानवर को छूने के बाद त्वचा में घाव होना आम है। यह घाव उस स्थान पर होता है जहां बैक्टीरिया प्रवेश करता है।
आंखों में जलन: जब बैक्टीरिया आंखों के माध्यम से प्रवेश करता है, तो जलन और सूजन हो सकती है।
गले में खराश: गले में खराश और मुंह में घाव भी हो सकते हैं।
सांस लेने में कठिनाई: यह तब होता है जब बैक्टीरिया श्वसन तंत्र में प्रवेश करता है।
संक्रमण से बचने के उपाय
संक्रमण से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए:
- मक्खियों के काटने से बचें।
- लंबे कपड़े पहनें।
- दूषित पानी का सेवन न करें।
- घास काटने के दौरान मास्क पहनें।
- जानवरों को संभालते समय दस्ताने पहनें।
- मांस को अच्छी तरह से पकाएं।
अमेरिका में ट्यूलरेमिया के लिए वैक्सीनेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह एंटीबायोटिक्स से इलाज योग्य है।
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