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उमर अब्दुल्ला का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दौरा: एकता और संवाद का प्रतीक

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: एक राष्ट्रीय प्रतीक

गुजरात के केवड़िया में स्थित "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" न केवल एक अद्भुत स्थापत्य कृति है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान का प्रतीक भी है। इस परियोजना की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए रखी थी, और इसका उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 को हुआ। तब से, यह स्थल न केवल पर्यटन का केंद्र बन गया है, बल्कि राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक भी बन चुका है।


उमर अब्दुल्ला का महत्वपूर्ण दौरा

गुरुवार को, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का दौरा किया। यह घटना कई मायनों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी प्रमुख विपक्षी नेता ने इस स्मारक का अवलोकन किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सरदार पटेल के विचारों और राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने उमर अब्दुल्ला की सराहना की, यह दर्शाते हुए कि ऐसे कदम संवाद और आपसी सम्मान को बढ़ावा दे सकते हैं। यह प्रतिक्रिया राजनीतिक परिपक्वता को दर्शाती है।


एकता का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने उमर अब्दुल्ला की गुजरात यात्रा पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यात्रा सभी भारतीयों को देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा के लिए प्रेरित करेगी। मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘‘कश्मीर से केवड़िया। श्री उमर अब्दुल्ला जी को साबरमती रिवरफ्रंट पर दौड़ का आनंद लेते और ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ देखने का आनंद लेते देखकर अच्छा लगा। उनकी यह यात्रा एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश देती है।’’


साबरमती रिवरफ्रंट पर दौड़

उमर अब्दुल्ला ने साबरमती रिवरफ्रंट पर अपनी सुबह की दौड़ की तस्वीरें साझा कीं, जिसमें उन्होंने इसे सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह उन सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है जहां मैं दौड़ पाया हूं।’’ इसके अलावा, उन्होंने साबरमती आश्रम का भी दौरा किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।


राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक

उमर अब्दुल्ला का यह दौरा केवल पर्यटन यात्रा नहीं है, बल्कि यह देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि विचारधारा में मतभेद होने के बावजूद, राष्ट्र के प्रतीकों के प्रति सम्मान में सभी एकजुट हो सकते हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि यह वास्तव में न्यू इंडिया को दर्शाता है।


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का महत्व

गुजरात सरकार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को एक वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया है। उमर अब्दुल्ला जैसे वरिष्ठ नेता का वहां जाना इस स्मारक की लोकप्रियता को और बढ़ा सकता है। यह संदेश भी देता है कि यह स्मारक केवल एक राजनीतिक दल की परियोजना नहीं, बल्कि पूरे देश की धरोहर है।


संवाद और एकता का प्रतीक

उमर अब्दुल्ला का केवड़िया दौरा एक सामान्य यात्रा से कहीं अधिक है। यह राष्ट्र की एकता, संवाद की आवश्यकता और राजनीतिक परिपक्वता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री द्वारा की गई सराहना से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच संवाद का दायरा और विस्तृत हो सकेगा।


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