भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने 18 जुलाई 2025 को एक बड़ा बयान देकर सियासी हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि अगर 2029 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिना लड़ा गया, तो बीजेपी महज 150 सीटों पर सिमट जाएगी।
यह बयान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के उस कथन के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायर होकर युवाओं को मौका देना चाहिए।
झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने समाचार एजेंसी में कहा कि ‘मोदी को बीजेपी की जरूरत नहीं, बीजेपी को उनकी जरूरत है। अगले 15-20 साल तक मैं सिर्फ मोदी को ही देश का नेता देखता हूं।’ यह बयान RSS के ’75 साल की उम्र’ नियम पर सीधा प्रहार माना जा रहा है, क्योंकि 2026 में मोदी और भागवत दोनों 75 साल के हो जाएंगे।
दुबे ने दावा किया कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी ने बीजेपी को गरीब तबके का ऐसा वोट बैंक दिया, जो पहले कभी पार्टी के साथ नहीं था। उन्होंने कहा, ‘मोदी की वजह से गरीब वर्ग बीजेपी से जुड़ा। आज वह तीसरी बार पीएम हैं। अगर 2029 में वह हमारे नेता नहीं होंगे, तो बीजेपी 150 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।’2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटें जीती थीं, और दुबे का यह बयान पार्टी के लिए मोदी की अहमियत को रेखांकित करता है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट की बात कही थी, को विपक्ष ने मोदी से जोड़कर पेश किया। दुबे ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह नियम मोदी पर लागू नहीं होता। उन्होंने पूर्व पीएम मोरारजी देसाई का हवाला दिया, जो 82 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। दुबे ने कहा, ‘2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए जब तक मोदी स्वस्थ हैं, उन्हें ही नेतृत्व करना होगा।”
जब दुबे से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के दिल्ली में संभावित रोल पर सवाल हुआ, तो उन्होंने दोटूक कहा, ‘फिलहाल दिल्ली में योगी के लिए कोई जगह नहीं है।’ यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि योगी को बीजेपी के भविष्य के नेतृत्व के तौर पर देखा जाता रहा है।
दुबे ने एक और विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 1971 में बांग्लादेश बनाकर गलती की थी। उन्होंने कहा, ‘उन्हें हिंदू और मुस्लिम बांग्लादेश बनाना चाहिए था। इस भूल की कीमत आज भी कुछ लोग चुका रहे हैं।’यह बयान सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ सकता है।
दुबे का बयान RSS और बीजेपी के बीच नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों को हवा दे रहा है। भागवत का ’75 साल की उम्र’ वाला बयान बीजेपी के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, क्योंकि मोदी 2026 में 75 साल के हो जाएंगे। ऐसे में दुबे का बयान न केवल RSS को जवाब है, बल्कि बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को यह संदेश भी देता है कि मोदी ही पार्टी की सबसे बड़ी ताकत हैं।
दुबे का यह बयान बीजेपी के भविष्य को लेकर बड़ी बहस छेड़ सकता है। सवाल यह है कि क्या 2029 में भी मोदी बीजेपी का चेहरा बने रहेंगे, या RSS के नियम के तहत पार्टी नया नेतृत्व तलाशेगी? फिलहाल, दुबे ने साफ कर दिया है कि बीजेपी की जीत का रास्ता सिर्फ और सिर्फ मोदी से होकर गुजरता है। क्या बीजेपी 2029 में मोदी के बिना बड़ी जीत हासिल कर पाएगी, या दुबे का डर हकीकत बन जाएगा? यह सवाल अब सियासी गलियारों में जोर पकड़ रहा है।
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