अजमेर, 23 अक्टूबर . देश भर में दिवाली की तैयारियां जोरों पर हैं. ऐसे में दिवाली के पावन पर्व से पहले ही राजस्थान के अजमेर जिले में दीपक बनाने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है. कारीगर दिन-रात दिवाली के सामान को बनाने में जुटे हुए हैं.
कारीगर सन्नी प्रजापति ने बताया कि हमारा काम मिट्टी के दीये बनाने का है. दीपक बनाने के लिए मिट्टी को बाहर से लाया जाता है. इस काम को करते हुए 15 से 20 साल का समय हो गया है. इस बार महंगाई होने की वजह से दीपक बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
सन्नी प्रजापति ने बताया कि उनका परिवार 20 दिन पहले ही दीपक बनाने में लग जाता है. पिछले दो दिन से मौसम ठंडा है और आसमान में बादल छाए हुए हैं, इसलिए उन्हें दीपक को सुखाने के लिए कूलर और पंखों का सहारा लेना पड़ रहा है, ताकि समय रहते इन्हें तैयार कर बाजार में भेजा जा सके.
उन्होंने बताया कि इन दिनों यह काम व्यापक स्तर पर किया जा रहा है, इसलिए परिवार के सभी सदस्य इसी काम में जुटे हुए हैं. आसपास के तालाबों एवं गांवों से मंगवाई गई मिट्टी से दीपक को तैयार किया जा रहा है. मिट्टी के दीपक बनाने में कारीगर दिन रात जुटे हुए हैं.
वहीं, मिट्टी के दीपक बनाने वाली कारीगर गुड्डी प्रजापति ने बताया कि महंगाई इतनी है कि जितने दीपक बनाते हैं, उसका उनको मुनाफा भी नहीं हो पा रहा है. मिट्टी और लकड़ी महंगी होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
गुड्डी प्रजापति ने कहा कि उनको मिट्टी के दीपक बनाते हुए 20 से 25 साल हो गए हैं. वह रोजाना करीब चार से पांच हजार दीपक बनाते है, जिन्हें बाजार में बेचा जाता है.
अजमेर में दीपावली के पर्व को रोशन करने के लिए करीब 50 से ज्यादा परिवार दीये बनाने के काम में जुटे हुए हैं. समय से पहले दीपक को बाजार में पहुंचाया जा सके, इसके लिए हर एक परिवार दिन-रात मेहनत कर रहा है.
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एफएम/एबीएम
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