पटना, 16 मई . भारत के चुनाव आयुक्त विवेक जोशी ने शुक्रवार को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए पटना में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
बैठक में बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, राज्य पुलिस के नोडल पदाधिकारी कुंदन कृष्णन, पटना के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन पदाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
बैठक के दौरान, विशेष रूप से पटना जिले के लिए चुनावी तैयारियों, कानून-व्यवस्था के उपायों और मतदान बुनियादी ढांचे पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई.
डॉ. जोशी ने मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी के साथ स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के महत्व पर बल दिया.
बैठक के दौरान अधिकारियों ने आदर्श आचार संहिता अनुपालन, मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण, व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी, कानून-व्यवस्था की स्थिति, मतदान स्टाफ प्रबंधन, दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए पहुंच और शिकायत निवारण तंत्र में की गई पहलों की जानकारी दी.
चुनाव आयुक्त ने युवा मतदाता पंजीकरण की कम दर पर चिंता व्यक्त की. बिहार में 18-19 आयु वर्ग के युवाओं की अनुमानित संख्या लगभग 64 लाख है, जबकि वर्तमान में केवल 8,08,857 पंजीकृत हैं. उन्होंने अधिकारियों को युवाओं का पंजीकरण बढ़ाने के लिए प्रयास तेज करने के निर्देश दिए.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार का औसत मतदान प्रतिशत 56.28 प्रतिशत था, जो राष्ट्रीय औसत 66.10 प्रतिशत से काफी कम था. उन्होंने मतदान बढ़ाने के लिए सूक्ष्म स्तर पर रणनीति बनाने का आह्वान किया.
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.80 करोड़ है, जिसमें 7,69,046 दिव्यांग मतदाता और 5,91,347 बुजुर्ग मतदाता (85 साल से ज्यादा) शामिल हैं. कुल 77,895 मतदान केंद्र हैं.
जोशी ने सभी मतदान केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया और विशेष रूप से दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए समावेशी भागीदारी पर जोर दिया. उनके मोतिहारी, पूर्वी चंपारण का दौरा करने और बेतिया (पश्चिमी चंपारण) में चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने की भी उम्मीद है.
रविवार को वह वाल्मीकि नगर में एसएसबी अधिकारियों से मिलेंगे और क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा सोमवार को वैशाली में जमीनी स्तर पर तैयारियों की समीक्षा करेंगे. इन निरीक्षणों का उद्देश्य मतदाता सुविधाओं, सुरक्षा व्यवस्था, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और जमीनी स्तर पर चुनावी मशीनरी की समग्र तैयारी का मूल्यांकन करना है.
इस यात्रा के माध्यम से चुनाव आयोग बिहार में पारदर्शी, शांतिपूर्ण और सहभागितापूर्ण चुनाव कराने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है.
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पीएसके/एकेजे
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