भुवनेश्वर, 30 अप्रैल . ओडिशा में बुधवार को अक्षय तृतीया का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के बारामुंडा स्थित ओयूएटी के इंस्ट्रक्शनल फार्म में आयोजित राज्य स्तरीय कृषक दिवस में हिस्सा लिया. इस दिन को कृषि मौसम की शुरुआत के रूप में चिह्नित करते हुए किसानों ने पारंपरिक रस्म ‘अखी मुथी अनुकूला’ निभाई. मुख्यमंत्री ने खेत जोतकर प्रतीकात्मक रूप से बीज बोए, जो कृषि गतिविधियों की शुरुआत का प्रतीक है. उनके साथ उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव और कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
अक्षय तृतीया जिसे अक्षी तृतीया भी कहा जाता है, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर का यह पहला प्रमुख त्योहार सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और कृषि दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
ओडिशा, एक कृषि प्रधान राज्य होने के नाते, इस दिन धान की औपचारिक बुवाई शुरू करता है. ‘अखी मुथी अनुकूला’ (अखी यानी अक्षय तृतीया, मुथी का अर्थ मुट्ठी भर धान और अनुकूला मतलब उद्घाटन या प्रारंभ) अनुष्ठान के साथ बुवाई की शुरुआत होती है, जिसके कारण इसे ‘अखी तृतीया’ भी कहते हैं. यह दिन नए कार्य शुरू करने और दान-पुण्य के लिए शुभ माना जाता है.
अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व भी गहरा है. इस दिन पुरी में भगवान जगन्नाथ की चंदन यात्रा शुरू होती है, जो मंदिर के अनुष्ठान कैलेंडर का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
मान्यता है कि इसी दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी. साथ ही, सत्य युग की शुरुआत और भगवान विष्णु का सत्यनारायण रूप में जन्म भी इसी दिन हुआ था. भविष्य पुराण और विष्णु धर्मोत्तर पुराण के अनुसार, इस दिन किए गए दान और धार्मिक कार्य अनंत फल देते हैं.
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में अक्षय तृतीया के दिन वार्षिक रथ यात्रा के लिए तीन रथों के निर्माण की औपचारिक शुरुआत होती है. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए बनने वाले रथों के निर्माण स्थल पर पवित्र अग्न्या माला ले जाकर प्रक्रिया शुरू की जाती है.
अक्षय तृतीया ओडिशा के लिए कृषि और संस्कृति का अनूठा संगम है. यह त्योहार न केवल किसानों के लिए नए कृषि मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि आध्यात्मिक उत्थान का भी अवसर प्रदान करता है.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की बात कही.
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एसएचके/केआर
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