Mumbai , 9 सितंबर . अभिनेत्री रूपाली गांगुली ने टेलीविजन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उन्होंने टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ में सह-कलाकार जसवीर कौर के साथ ऑन-स्क्रीन दोस्ती को भगवान कृष्ण और सुदामा की पौराणिक मित्रता से प्रेरित बताया.
अभिनेत्री का कहना है कि अनुपमा और देविका का यह खूबसूरत बंधन दर्शकों के दिलों को छू रहा है, क्योंकि यह न केवल कहानी को आगे बढ़ाता है, बल्कि दोस्ती के महत्व को भी उजागर करता है.
रूपाली ने कहा, “अनुपमा और देविका शो में दोस्ती का प्रतीक हैं. देविका अनुपमा के लिए वो दोस्त है, जो हमेशा मुश्किल वक्त में उसके साथ खड़ी रहती है, ठीक वैसे ही जैसे कृष्ण सुदामा के लिए थे. जब मैं सेट पर होती हूं, तो मैं इस किरदार को बहुत करीब से महसूस करती हूं, और मुझे यकीन है कि जसवीर भी ऐसा ही महसूस करती हैं. यह सीन हमारे लिए एक तरह का दोस्ताना पुनर्मिलन था. मुझे खुशी है कि यह दोस्ती फिर से कहानी का हिस्सा बनी.”
उन्होंने आगे कहा, “फिल्मों में दोस्ती को कई बार खूबसूरती से दिखाया गया है, जैसे ‘सोनू के टीटू की स्वीटी,’ ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,’ और ‘दिल चाहता है’ जैसी फिल्मों में. टेलीविजन पर अनुपमा और देविका जैसी दोस्ती, जो पांच साल से अधिक समय से चली आ रही है, यह सब बहुत कम देखने को मिलती है. देविका का किरदार सिर्फ कहानी में होने के लिए नहीं है, बल्कि यह अनुपमा की कहानी को आगे बढ़ाता है और इसमें बहुत सारा मूल्य जोड़ता है, जो कि बेहद खूबसूरत है.”
उन्होंने कहा, “हमारे शो में परिवार, रिश्तों और मूल्यों को बहुत महत्व दिया जाता है, लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जो खून से नहीं, दिल से बनता है. यह एक बहुत ही खूबसूरत बंधन है. हमारे शास्त्रों में भी दोस्ती को बहुत महत्व दिया गया है. ‘अनुपमा’ जैसे शो में जब ऐसी दोस्ती को सामने लाया जाता है, तो यह आज के समय में अधिक प्रभावशाली बनता है. यह शो भारत के हर घर का हिस्सा है.”
रूपाली ने अपने निजी जीवन में दोस्ती के महत्व को भी साझा किया. उन्होंने बताया, “मेरे लिए दोस्ती सबसे अहम है. मेरे पति मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे, इससे पहले कि वे मेरे पति बने. मेरा भाई मेरा सबसे अच्छा दोस्त है. मेरे पास बहुत सारे दोस्त नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं, जो मेरे बहुत करीब हैं. मेरी दोस्त मोना, डेलनाज, और मेरी बहन रीता मेरे लिए बहुत खास हैं. इसके अलावा, समय के साथ मैंने कुछ और गहरे रिश्ते बनाए हैं. यह सब मेरे लिए एक तरह की ‘गर्ल पावर’ है.”
रूपाली ने बताया कि ‘अनुपमा’ में हर रिश्ते का आधार दोस्ती ही है. चाहे वह अनुपमा और बापूजी का रिश्ता हो या अनुपमा और समर का, हर रिश्ते में दोस्ती का भाव छिपा है. जब बा अनुपमा के सिर में तेल लगाती हैं या अनुपमा बा के पैर दबाती है, तो वह मां-बेटी का रिश्ता कम और दोस्ती ज्यादा नजर आती है. समय के साथ मां-बेटी, पिता-बेटा, या पति-पत्नी का रिश्ता भी दोस्ती में बदल जाता है. हर रिश्ते की बुनियाद में दोस्ती और प्यार होता है.
उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि हमारे शो के निर्माता ऐसी दोस्ती जैसे अनछुए रिश्तों को इतनी खूबसूरती से पेश करते हैं. यह देखकर बहुत अच्छा लगता है. मैं उम्मीद करती हूं कि देविका का किरदार कहानी में बना रहे और अनुपमा और देविका की यह दोस्ती उनके जीवन के इस पड़ाव पर और भी खूबसूरत बनकर सामने आए.”
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एनएस/एबीएम
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