लखनऊ, 22 अप्रैल . उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नगरीय निकायों में शिकायत निवारण तंत्र को अभूतपूर्व रूप से सुदृढ़ और प्रभावी बनाया है. एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) के तहत नगरीय निकायों में दर्ज 92 प्रतिशत शिकायतों का समाधान कर सरकार ने जनता के प्रति अपनी जवाबदेही को साबित किया है.
इसके साथ ही, डेडिकेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (डीसीसीसी) और जन सुनवाई जैसे तंत्रों के माध्यम से लाखों समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया जाता है. प्रत्येक दिन प्रभागवार निगरानी और त्वरित कार्रवाई ने इस प्रणाली को और भी प्रभावी बनाया है.
सीएम योगी के मार्गदर्शन में यूपी के नगर विकास विभाग ने नगरीय निकायों की शिकायत निवारण प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए आईजीआरएस ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा प्रदान की है. यह नागरिकों की शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने और उनके समाधान को सुनिश्चित करने का प्रभावी माध्यम साबित हो रहा है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नगरीय निकायों में आईजीआरएस के तहत दर्ज शिकायतों में से 92 प्रतिशत का समाधान हो चुका है. यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता को दर्शाती है, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत करती है. शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने अधिकारियों को जवाबदेह बनाया है.
प्रत्येक शिकायत की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक की जा सकती है, जिससे नागरिकों को अपनी समस्या के समाधान की प्रगति की जानकारी मिलती रहती है. नगरीय निकायों में स्वच्छता, सड़क, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट जैसी समस्याओं से संबंधित शिकायतें इस मंच पर दर्ज की जाती हैं.
नगरीय निकायों में जन सुनवाई कार्यक्रमों ने भी शिकायत निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. प्रदेश भर में अब तक 33,555 जन सुनवाइयों के जरिए शिकायतों का निस्तारण किया गया है. इन जन सुनवाइयों में नागरिक अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों के सामने रखते हैं और तत्काल समाधान के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं.
यह प्रक्रिया न केवल शिकायतों के त्वरित निवारण में सहायक है, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच संवाद को भी मजबूत करती है. जन सुनवाइयों में नगरीय निकायों के कर्मचारी और अधिकारी मौजूद रहते हैं, जो समस्याओं को समझकर तुरंत कार्रवाई करते हैं. यह व्यवस्था विशेष रूप से उन नागरिकों के लिए लाभकारी है, जो तकनीकी रूप से आईजीआरएस जैसे ऑनलाइन मंचों का उपयोग करने में असमर्थ हैं.
नगरीय निकायों की समस्याओं के समाधान में डेडिकेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (डीसीसीसी) एक गेम-चेंजर साबित हुआ है. डीसीसीसी के माध्यम से अब तक 2.15 लाख समस्याओं का समाधान किया गया है. यह केंद्र नगरीय सेवाओं की निगरानी और शिकायत निवारण के लिए एक केंद्रीकृत मंच के रूप में कार्य करता है.
डीसीसीसी में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर शिकायतों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाती है. स्वच्छता, कूड़ा निस्तारण, जल निकासी और अन्य सेवाओं से संबंधित समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाता है. यह केंद्र न केवल शिकायतों के समाधान में तेजी लाता है, बल्कि नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली को भी सुचारू बनाता है.
योगी सरकार ने नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक दिन प्रभागवार निगरानी की व्यवस्था भी लागू की है. इस व्यवस्था के तहत नगरीय निकायों के प्रत्येक प्रभाग में सेवाओं की स्थिति की जांच की जाती है. स्वच्छता, जलापूर्ति, सड़क मरम्मत और अन्य बुनियादी सुविधाओं की निगरानी कर कमियों को तुरंत दूर किया जाता है.
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एसके/एबीएम
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