New Delhi, 17 अगस्त . भाजपा के सांसद भीम सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव पर संविधान और निर्वाचन आयोग के खिलाफ गैर-संवैधानिक बयानबाजी का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं द्वारा निर्वाचन आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाना निंदनीय और गलत है. 1952 से निर्वाचन आयोग देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाता आ रहा है और इस तरह की टिप्पणियां संवैधानिक संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं.
भीम सिंह ने कहा, “राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बयान संविधान के खिलाफ हैं. निर्वाचन आयोग ने हर बार निष्पक्षता के साथ चुनाव करवाए हैं. आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाना न केवल गलत है, बल्कि इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है.”
उन्होंने आगे कहा कि निर्वाचन आयोग को बाध्य होकर स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी, जिससे अब “दूध का दूध और पानी का पानी” हो गया है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को अपने बयान के लिए चुनाव आयोग से माफी मांगनी चाहिए. तेजस्वी यादव राहुल गांधी के पिछलग्गू बन गए हैं. इन दिनों तेजस्वी यादव खोए हुए से लग रहे हैं. राहुल को इस बारे में सोचना चाहिए और तेजस्वी को भी. क्या दोनों के बीच कोई वास्तविक संबंध है? गैर-कांग्रेसी नीति के तहत लालू यादव की राजनीतिक यात्रा शुरू हुई थी. आज लालू यादव और तेजस्वी यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं.
भीम सिंह ने आगे कहा कि राहुल गांधी ने आज बिहार का दौरा किया और खुद को बिहार का जननायक कहा. यह बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय है और यह जननायक कर्पूरी ठाकुर का अपमान है. जब से कर्पूरी ठाकुर को जननायक की उपाधि दी गई थी, बिहार के लोगों विशेष रूप से भारत भर के गरीबों ने केवल उन्हें ही सच्चे जननायक के रूप में पहचाना है.
उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर का जीवन सादगी, ईमानदारी और उच्च विचारों का प्रतीक था. गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद वे बिहार के Chief Minister , उपChief Minister और नेता प्रतिपक्ष बने, और उनके जीवन पर कभी कोई दाग नहीं लगा. कर्पूरी ठाकुर की तुलना राहुल गांधी से करना घोर निंदनीय है. राहुल गांधी और उनके परिवार पर कई गंभीर आरोप हैं, जबकि कर्पूरी ठाकुर का जीवन बेदाग रहा. उनकी तुलना तो जवाहरलाल नेहरू से भी नहीं की जा सकती. राहुल गांधी का यह बयान न केवल कर्पूरी ठाकुर का अपमान है, बल्कि यह बिहार की जनता और देश के उन लोगों के लिए भी अपमानजनक है, जो कर्पूरी ठाकुर को आदर्श मानते हैं. राहुल गांधी को इस बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
–
एकेएस/एबीएम
You may also like
मुख्यमंत्री साय की उपस्थिति में विशाल दही हांडी उत्सव सफलतापूर्वक संपन्न
Vice Presidential Election: कौन हैं NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन, जान ले आप भी उनके बारे में
शौच करने निकले युवक पर बाघ ने किया हमला पालतूˈ कुत्ते ने इस तरह से बचाई मालिक की जान
पहले हनीट्रैप में फंसाते, फिर वसूलते पैसा… मुरादाबाद में गैंग का भंडाफोड़; UP पुलिस का हेड कांस्टेबल भी शामिल
यूपीआई लेनदेन के लिए नए नियम: 1 अक्टूबर से प्रभावी