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बिहार कैबिनेट ने लिए कई बड़े फैसले

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पटना, 16 अक्टूबर . बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस बैठक में कुल 22 एजेंडों को प्रस्तुत किया गया.

कैबिनेट सचिव एस. सिद्धार्थ ने बताया, “मंगलवार को मंत्री परिषद की बैठक में 22 एजेंडे पर निर्णय लिया गया, जिसमें पहला एजेंडा ऊर्जा विभाग का था. दक्षिण बिहार पावर स्टेशन कंपनी ने कैमूर और रोहतास जिलों की 177 बसावटों, अर्थात 132 गांवों में 21,644 घरों में ग्रिड से विद्युतीकरण के लिए 17 करोड़ 80 लाख रुपये की योजना की स्वीकृति का प्रस्ताव पेश किया. इन जिलों के पहाड़ी गांवों में वर्तमान में सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति की जा रही है, लेकिन इससे संबंधित कई समस्याएं भी हैं. इस निर्णय के अनुसार, इन क्षेत्रों में तारों के माध्यम से बिजली पहुंचाने की योजना को लागू किया जाएगा, जिससे 21,644 घरों में बिजली की आपूर्ति संभव हो सकेगी.”

उन्होंने आगे कहा, “दूसरा एजेंडा खान एवं भूगर्भ विभाग से संबंधित था. बिहार खान न्यायालय 2024 के तहत खनिज समाधान परिवहन और भंडारण निवारण संशोधन की स्वीकृति दी गई. वर्तमान में बालू और खनिज की नीलामी चल रही है, और इस नई नियमावली के तहत कई सुधार किए गए हैं. इसमें प्रमुख बिंदुओं में विलंब शुल्क का निर्धारण शामिल है, जो लाइसेंस प्राप्त करने में देरी के लिए लगाया जाएगा. इसके अलावा, अवैध खनन के लिए दंड भी तय किए गए हैं, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किस प्रकार के अवैध खनन पर कितना जुर्माना लगेगा.”

कैबिनेट सचिव ने इसकी प्रक्रियाओं के निर्धारण के बारे में बताते हुए कहा, “समय सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रक्रियाओं के लिए निर्धारित समय सीमा तय की गई है. अन्य जुर्मानों में साइन बोर्ड न लगाने पर 50,000 रुपये, पानी का छिड़काव न करने पर 50,000 रुपये और प्रकाश की व्यवस्था न करने पर भी 50,000 रुपये का जुर्माना शामिल है. बिना ढके लघु खनिज का परिवहन करने पर ट्रैक्टर पर 5,000 रुपये और अन्य बड़े वाहनों में 25,000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है.”

उन्होंने आगे कहा, “जीपीएस डिवाइस का उपयोग अनिवार्य किया गया है, और न लगाने पर ट्रैक्टर में 20,000 रुपये और अन्य बड़े वाहनों पर एक लाख रुपये का जुर्माना होगा. व्यक्तिगत स्तर पर मिट्टी की खनन करने के लिए रॉयल्टी नहीं लगेगी, लेकिन यदि इसका वाणिज्यिक उपयोग किया जाएगा, तो रॉयल्टी देनी होगी. इसके साथ ही कोसी बाढ़ और अन्य क्षेत्रों में बालू जमा होने पर उसे हटाने की छूट भी प्रदान की गई है. नये बंदोबस्त सभी नियमों के अनुसार किए जाएंगे, जिससे प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है. अगर कोई व्यक्ति अपने उपयोग के लिए मिट्टी निकालता है, तो उस पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा, लेकिन यदि वह इसे बेचने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विभिन्न प्रकार के वाहनों पर निर्धारित जुर्माने की राशि भी स्पष्ट की गई है, जिसमें ट्रैक्टर, ट्रॉली, डंपर और अन्य मशीनों के लिए अलग-अलग जुर्माने शामिल हैं.”

एसएचके/एकेजे

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