मुंबई, 24 जून . इजरायल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशनी ने ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम को मध्य पूर्व के लिए “टर्निंग पॉइंट” बताया. उन्होंने कहा कि ईरान के खिलाफ हाल ही में इजरायल-अमेरिकी संयुक्त अभियान “बेहद सफल” रहा और इसने तेहरान पर बहुत दबाव डाला है.
मुंबई में से बात करते हुए शोशनी ने कहा, “यह एक शानदार अभियान था जिसे इजरायल ने ईरान के खिलाफ शुरू किया, इसमें अमेरिका का भी कुछ सहयोग था. ईरान दबाव में था और मुझे इतनी जल्दी युद्धविराम होने पर कोई हैरानी भी नहीं है.”
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा युद्धविराम विराम की घोषणा के तुरंत बाद ईरान ने कहा कि अगर इजरायल भी ऐसा ही करता है तो वह हमले रोक देगा.
शोशनी ने कहा कि अब जबकि शांति व्यवस्था धीरे-धीरे कायम हो रही है, तो दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि “कई निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है.”
ईरान की ओर से हाल ही में हुए हमलों पर उन्होंने कहा, “इजरायल पर हाल ही में किया गया हमला बहुत क्रूर था. चार निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए. बीरशेबा शहर में कुछ बुनियादी ढांचे का नुकसान हुआ है. लेकिन, मध्य-पूर्व में यह एक आम बात है. आखिरी क्षणों में, आपको अपनी ताकत दिखानी पड़ती है.”
ईरान ने हाल ही में कतर में एक अमेरिकी हवाई अड्डे पर मिसाइल हमला किया. शोशनी का कहना है कि यह हमला ईरान की ताकत दिखाने के लिए किया गया था. उन्होंने कहा, “यह हमला सोच-समझकर और अच्छी तरह से योजनाबद्ध था. इसका एक मकसद अपनी शक्ति दिखाना भी था.”
शोशनी ने कहा कि लोग इस घटना को हल्के में ले रहे हैं, लेकिन इसका असर बहुत दूरगामी हो सकता है. यह हमला मध्य पूर्व की राजनीति को पूरी तरह से बदल सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि अब सऊदी अरब और शायद कुछ और देशों के साथ शांति की कोशिशों में प्रगति देखी जा सकती है.
शोशनी ने ईरान, सीरिया, गाजा और लेबनान में हिजबुल्लाह को शामिल करते हुए उन्हें “दुष्ट धुरी” कहा और उनकी कड़ी आलोचना की.
उन्होंने कहा, “ईरान की सरकार और उसके सहयोगी देशों के साथ जो कुछ हो रहा है, वह बहुत अहम है. हम इतिहास के एक निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं.”
हालांकि अभी युद्धविराम जारी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र एक अहम बदलाव के दौर में है. यहां नए रिश्ते बन सकते हैं और पूरे इलाके की राजनीति बदल सकती है.
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एसएचके/केआर