New Delhi, 30 सितंबर . केंद्र Government ने Tuesday को कहा कि दूरसंचार विभाग की ‘संचार साथी’ पहल से 6 लाख खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को रिकवर करने में मदद मिली है.
संचार मंत्रालय के अनुसार, नागरिक-केंद्रित डिजिटल सुरक्षा पहल पर ‘अपना खोया/चोरी हुआ मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक करें’ सुविधा ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है, जिससे डिजिटल गवर्नेंस में नागरिकों का विश्वास मजबूत हुआ है.
यह उपलब्धि नागरिकों की डिजिटल एसेट्स की सुरक्षा के प्रति Government की प्रतिबद्धता को दिखाती है और साइबर अपराध से निपटने में टेक्नोलॉजी की ताकत को प्रदर्शित करती है.
संचार साथी पर यह सुविधा दूरसंचार विभाग, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश Police को रिलय टाइम में एकीकृत करती है.
Government के अनुसार, “डिजिटल बाय डिजाइन” की थीम पर निर्मित यह सुविधा प्रति मिनट एक फोन को रिकवर करने में मदद कर रही है.
यह सुविधा नागरिकों को सभी भारतीय दूरसंचार नेटवर्कों पर खोए/चोरी हुए मोबाइल की रिपोर्ट करने, ब्लॉक करने, ट्रेस करने या अनब्लॉक करने की सुविधा प्रदान करती है.
किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए, संचार साथी पर रिपोर्ट किए गए खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को पूरे India में दूरसंचार नेटवर्कों में ब्लॉक कर दिया जाता है.
Government के अनुसार, “जैसे ही किसी सिम का इस्तेमाल ऐसे खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट के साथ किया जाता है, ऑटोमेटिक ट्रेसेबिलिटी उत्पन्न हो जाती है और नागरिकों के साथ-साथ उस संबंधित Police स्टेशन को भी अलर्ट भेज दिया जाता है जहां खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की शिकायत दर्ज की गई थी.”
जनरेट की गई ट्रेसेबिलिटी में नागरिकों को एसएमएस के माध्यम से संपर्क करने के लिए Police स्टेशन का विवरण प्रदान किया जाता है.
इन प्रयासों से, रिकवरी दर में लगातार मासिक आधार पर सुधार हुआ है, मासिक रिकवरी जनवरी 2025 में 28,115 से बढ़कर अगस्त 2025 में 45,243 हो गई है, जो आठ महीनों में 61 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
यह उपलब्धि Government के एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के दृष्टिकोण को पुष्ट करती है जहां टेक्नोलॉजी नागरिक सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए एक सक्षमकर्ता के रूप में कार्य करती है.
मई 2023 में लॉन्च किया गया, संचार साथी India का सबसे व्यापक डिजिटल सुरक्षा प्लेटफॉर्म बन गया है, जिसने 19 करोड़ से अधिक वेबसाइट विजिट और 90 लाख से अधिक मोबाइल ऐप डाउनलोड दर्ज किए हैं.
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एबीएस/
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