रायपुर, 26 जून . छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखने वाले और जाने-माने हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे का गुरुवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया. रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. परिवार के करीबी सूत्रों ने उनके निधन की पुष्टि की है.
केंद्र सरकार ने उनके उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2010 में ‘पद्मश्री’ सम्मान से नवाजा था. वह एक लेखक और विचारक के रूप में भी अपनी पहचान रखते थे. उनके निधन की खबर से पूरे साहित्य और सांस्कृतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है. सोशल मीडिया पर भी कवियों, साहित्यकारों, राजनेताओं और आम नागरिकों ने गहरा दुख व्यक्त किया है.
सुरेंद्र दुबे के निधन पर कवि कुमार विश्वास ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “छत्तीसगढ़ी भाषा व संस्कृति के वैश्विक राजदूत, मुझे सदैव अनुजवत स्नेह देने वाले, बेहद जिंदादिल इंसान, कविश्रेष्ठ पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे जी का निधन सम्पूर्ण साहित्य-जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. मेरे हृदय के रायपुर का एक हिस्सा, आपकी अनुपस्थिति को सदैव अनुभव करेगा भैया.”
छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में लिखा, “छत्तीसगढ़ माटी के लाल हास्य कवि पद्मश्री कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ. वह बेहद ही खुशमिजाज व्यक्तित्व के धनी थे, उनका इस तरह असमय चले जाना परिवार के समस्त छत्तीसगढ़ वासियों के लिए अपूर्णीय क्षति है. विनम्र श्रद्धांजलि.”
छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रवक्ता देवेंद्र यादव ने एक्स पर लिखा, “हास्य और व्यंग्य को नई ऊंचाइयां देने वाले छत्तीसगढ़ी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले, छत्तीसगढ़ महतारी के रतन बेटा हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे जी के निधन का समाचार अत्यंत ही दुःखद एवं पीड़ादायक है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिजनों और उनके असंख्य प्रशंसकों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें.”
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पीएसके/डीएससी
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