लखनऊ, 13 अगस्त . डबल इंजन सरकार अन्नदाता किसानों के हित में निरंतर कदम उठा रही है. इसी क्रम में सरकार के निर्देशन में कृषि विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए भी एफपीओ व सहकारी समितियों के लिए बड़ा कदम उठाया है. 10 टन ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की स्थापना पर एफपीओ/सहकारी समितियों को अनुदान मिलेगा. इसका लाभ प्राप्त करने के लिए 14 से 31 अगस्त तक पोर्टल पर आवेदन करना होगा.
अनुदान स्वरूप प्रोजेक्ट की कीमत का 33 प्रतिशत या अधिकतम 9.90 लाख रुपए का अनुदान मिल सकेगा. इसके लिए एफपीओ/सहकारी समितियों का ‘एग्रीदर्शन डॉट यूपी डॉट गॉव डॉट इन’ या ‘यूपी एफपीओ शक्ति पोर्टल डॉट यूपी डॉट गॉव डॉट इन’ पर पंजीकरण अनिवार्य है. अनुदान प्राप्त करने वाले एफपीओ व सहकारी समितियों के पास तीन वर्ष का अनुभव व 200 किसानों का सदस्य होना अनिवार्य है.
अपर कृषि निदेशक (तिलहन/दलहन) अनिल कुमार पाठक ने बताया कि ‘एग्रीदर्शन डॉट यूपी डॉट गॉव डॉट इन’ पर 14 से 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा. नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल (ऑयल सीड्स) वर्ष 2025-26 के तहत कृषि विभाग के पोर्टल ‘एग्री दर्शन डॉट यूपी डॉट गॉव डॉट इन’ या ‘यूपी एफपीओ शक्ति पोर्टल डॉट यूपी डॉट गॉव डॉट इन’ पर पंजीकृत एफपीओ व सहकारी समितियों के लिए 10 टन क्षमता की ऑयल एक्सट्रैक्शन यूनिट की स्थापना कराए जाने पर उक्त अनुदान प्राप्त होगा.
उन्होंने बताया कि फसल के उपरांत तिलहन संग्रह, तेल निष्कर्षण व पुनप्राप्ति की दक्षता बढ़ाने, सार्वजनिक-निजी उद्योगों, एफपीओ व सहकारी समितियों को इंफ्रास्ट्रक्चर की क्षमता या दक्षता में सुधार सहित कटाई के बाद के इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए मिशन द्वारा निम्न मानदंड/शर्तें आवश्यक है. लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर जनपद स्तरीय गठित कमेटी के समक्ष ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा.
एफपीओ के लिए पात्रता मानदंड का विवरण –
कंपनी अधिनियम या सहकारिता अधिनियम के तहत पंजीकृत होने चाहिए.
कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए.
कम से कम 200 किसान एफपीओ या सहकारी समितियों में पंजीकृत होने चाहिए.
पिछले तीन वर्षों में औसत वार्षिक कारोबार 9 लाख रुपए से अधिक होना चाहिए.
एफपीओ में किसानों द्वारा कम से कम 3 लाख रुपए की इक्विटी होनी चाहिए.
एफपीओ का शक्ति पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है.
सहकारी समितियों के लिए पात्रता –
सहकारिता अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए.
समिति का कृषि क्षेत्र में तिलहन उत्पादन कय, विक्रय, प्रसंस्करण आदि के क्षेत्र में कम से कम 3 वर्ष का कार्य अनुभव होना.
कम से कम 200 किसान सहकारी समितियों में पंजीकृत होने चाहिए.
पिछले तीन वर्षों में औसत वार्षिक कारोबार 9 लाख रुपए से अधिक होना चाहिए.
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एसके/एबीएम
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