Top News
Next Story
Newszop

'यह पार्टी का फैसला है', जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के सरकार से बाहर रहने पर बोले तारिक अनवर

Send Push

श्रीनगर, 16 अक्टूबर . कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने बुधवार को से बातचीत के दौरान विभिन्न मुद्दों पर अपनी तरफ से खुलकर बात रखी.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नवगठित सरकार में कांग्रेस शामिल न होने पर कहा, “हाल ही में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह इस समय सरकार में शामिल नहीं होगी. कांग्रेस पार्टी का यह निर्णय उनके आंतरिक विचार-विमर्श का परिणाम है, और इसमें कोई मतभेद नहीं है. कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह सरकार को बाहर से समर्थन देगी और सहयोग में कोई कमी नहीं रहेगी.”

इसके अलावा, उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के पाकिस्तान दौरे पर कहा, “भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस्लामाबाद में हो रहे एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल हुए हैं. यह कार्यक्रम शंघाई सहयोग संगठन की अगुवाई में हो रहा है. भारत इस संगठन का सदस्य है. ऐसे में विदेश मंत्री की भागीदारी महत्वपूर्ण हो जाती है. हालांकि, इस यात्रा के दौरान कोई द्विपक्षीय बातचीत या बैठक होने की संभावना नहीं है.”

उन्होंने केरल की लोकसभा सीट वायनाड पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है. यह फैसला केरल के लोगों की भावनाओं और वायनाड में कांग्रेस के नेताओं की मांग के आधार पर लिया गया है. राहुल गांधी ने इसी क्षेत्र से चुनाव जीतकर एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी और प्रियंका का चुनाव लड़ना इस जीत की निरंतरता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.”

उन्होंने महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में कांग्रेस अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है और आगामी चुनावों में 12 सीटों की मांग की है. हालांकि, सीटों का वितरण एक समन्वय समिति की बैठकों में तय किया जाएगा, जिसमें सभी दलों के बीच बातचीत होगी.”

इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम को क्लीन चिट दिए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “हाल ही में चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बारे में उठाए गए सवालों को खारिज किया. कांग्रेस द्वारा उठाए गए आरोपों को चुनाव आयोग ने अस्वीकार कर दिया. हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि ईवीएम पर पूरी दुनिया में बहस चल रही है, और कई विकसित देशों ने इन मशीनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. भारत में ईवीएम के उपयोग को लेकर सवाल उठते रहते हैं, खासकर तब जब कई अन्य देशों ने पारंपरिक बैलट पेपर चुनावों को प्राथमिकता दी है.”

एसएचके/एकेजे

The post first appeared on .

You may also like

Loving Newspoint? Download the app now