Patna, 19 अक्टूबर . नालंदा Lok Sabha क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली राजगीर विधानसभा सीट 1957 से अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है. इसमें राजगीर नगर परिषद, पावापुरी नगर पंचायत और गिरियक प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं. अब तक 16 बार हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नौ बार जीत हासिल की है, जिसमें दो बार वह भारतीय जनसंघ के रूप में शामिल है.
कांग्रेस, सीपीआई और जदयू ने दो-दो बार, जबकि जनता पार्टी ने एक बार जीत दर्ज की. 2015 के चुनाव में जदयू के रवि ज्योति कुमार ने भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव नारायण आर्य को हराया था. वहीं 2020 में रवि ज्योति कुमार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
जदयू के कौशल किशोर ने उन्हें पराजित किया. इस चुनाव में जदयू के सामने जीत की हैट्रिक लगाने का मौका है.
राजगीर में कुर्मी और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जबकि राजपूत, मुस्लिम और भूमिहार भी महत्वपूर्ण हैं. राजगीर की प्राकृतिक और ऐतिहासिक सुंदरता के बीच की बात करें तो यह अपनी प्राचीन संस्कृति, ऐतिहासिक विरासत और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.
पांच पहाड़ियों से घिरा यह नगर लगभग 4000 साल पुराने इतिहास को समेटे हुए है. प्राचीन काल में ‘राजगृह’ के नाम से जाना जाने वाला राजगीर हर्यंक, प्रद्योत, बृहद्रथ और मगध साम्राज्य जैसे शक्तिशाली राजवंशों की राजधानी रहा.
हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए यह एक पवित्र तीर्थस्थल है. महाIndia में राजगीर को जरासंध का साम्राज्य बताया गया है, जिसका युद्धस्थल आज ‘जरासंध अखाड़ा’ के नाम से जाना जाता है.
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम अपने भाइयों के साथ जनकपुर यात्रा के दौरान राजगीर आए थे. हर्यंक वंश के राजा बिम्बिसार और उनके पुत्र अजातशत्रु ने यहीं से मगध साम्राज्य पर शासन किया. बाद में अजातशत्रु के पुत्र उदायिन ने राजधानी को पाटलिपुत्र (वर्तमान Patna) स्थानांतरित किया. राजगीर का ब्रह्मकुंड, सात गर्म जलस्रोतों का संगम, धार्मिक और औषधीय महत्व रखता है. माना जाता है कि यहां स्नान करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है.
राजगीर में अजातशत्रु किला, वेणुवन, विश्व शांति स्तूप, गृद्धकूट पर्वत, जरासंध अखाड़ा, सोन भंडार गुफाएं, सप्तपर्णी गुफा, पांडू पोखर, जापानी मंदिर और आकाशीय रज्जू मार्ग जैसे प्रमुख स्थल पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं. फिलहाल, राजगीर न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह Political दृष्टिकोण से भी एक अहम विधानसभा क्षेत्र बना हुआ है, जो समय-समय पर बिहार की राजनीति में अपनी छाप छोड़ता है. इस बार चुनाव में यहां से जदयू ने कौशल किशोर, महागठबंधन में शामिल भाकपा-माले ने विश्वनाथ चौधरी और जन स्वराज पार्टी ने सत्येंद्र कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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डीसीएच/वीसी
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