वास्तु शास्त्र हमारे जीवन की कई छोटी-छोटी आदतों पर असर डालता है, और अगर इन आदतों में सुधार लाया जाए तो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आ सकती है। भोजन करना न सिर्फ शारीरिक ज़रूरत है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी इसका बड़ा महत्व होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, खाना कहां और कैसे खा रहे हैं, इसका सीधा संबंध आपके भाग्य और आर्थिक स्थिति से होता है। तो आइए जानते हैं उन 5 जगहों के बारे में जहां भोजन करना आपकी समृद्धि में रुकावट बन सकता है।
1. दरवाजे के पास बैठकर भोजन करने से बचें
वास्तु के अनुसार मुख्य दरवाजे के पास या चौखट पर बैठकर खाना खाना अत्यंत अशुभ माना जाता है। यह स्थान घर में देवताओं और ऊर्जा के प्रवेश का द्वार होता है। ऐसे में वहां बैठकर भोजन करना लक्ष्मी माता का अपमान माना जाता है, जिससे दरिद्रता और दुर्भाग्य का प्रवेश हो सकता है। अगर आप यह आदत अनजाने में भी कर रहे हैं तो सतर्क हो जाइए।
2. पूजा घर के पास भोजन करना ठीक नहीं
बहुत से लोग सोचते हैं कि पूजा घर के पास बैठकर खाना पवित्र होता है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार यह बहुत बड़ा दोष है। देवताओं के समीप भोजन करना उनका अनादर माना जाता है, जिससे घर में शांति भंग होती है और सकारात्मक ऊर्जा घटती है। इसका असर न सिर्फ मानसिक संतुलन पर पड़ता है बल्कि आर्थिक समृद्धि भी धीरे-धीरे दूर हो सकती है।
3. बिस्तर पर बैठकर खाना खाने से बढ़ती हैं परेशानियां
अगर आप टीवी देखते हुए या आराम से बिस्तर पर बैठकर खाना खाने की आदत में हैं, तो तुरंत इसे बदल दें। यह आदत आपकी शारीरिक सेहत तो बिगाड़ती ही है, साथ ही मानसिक अशांति और आर्थिक परेशानियां भी ला सकती है। बिस्तर पर भोजन करने से घर का माहौल भी आलसीपन से भर जाता है।
4. गंदे और अव्यवस्थित स्थान पर भोजन करने से आएगी नकारात्मक ऊर्जा
स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छता अनिवार्य है, और भोजन का सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य और ऊर्जा से है। अगर आप गंदे स्थान पर बैठकर भोजन कर रहे हैं तो इससे आपके चारों ओर नकारात्मकता फैलती है, जिससे धन-संपत्ति में हानि और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इसलिए हमेशा साफ-सुथरी और सकारात्मक ऊर्जा वाली जगह पर ही भोजन करें।
5. गैस चूल्हे या रसोई के कार्यशील क्षेत्र में न करें भोजन
कई बार जल्दबाज़ी में लोग किचन में, खासतौर पर गैस चूल्हे के पास ही खाना खा लेते हैं। लेकिन वास्तु शास्त्र कहता है कि यह स्थान खाना पकाने के लिए पवित्र होता है, न कि खाने के लिए। यहां बैठकर भोजन करने से घर की शांति भंग होती है और यह परिवार के सदस्यों के बीच भी मतभेद पैदा कर सकता है।
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