भारत में इस वक्त काफी तीव्रता से गर्मियां पड़ रही हैं, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। खास तौर पर उत्तर भारत के कई राज्य तो हीट वेव की काफी खतरनाक चपेट में हैं, जहां तापमान 45 डिग्री से पार जा चुका है। ऐसे में अपने आप और अपने परिवार को सुरक्षित रखना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गया है। तेज गर्मी और उमस के चलते आग लगने की घटनाओं में भी इजाफा देखा जा रहा है। भयंकर गर्मी के कारण लोगों के घरों में आज भी अक्सर आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे जनहानि और संपत्ति का नुकसान हो रहा है।
भीषण गर्मी के चलते ही मंगलवार, 10 जून को दिल्ली के द्वारका सेक्टर 18 में एक फ्लैट में अचानक भीषण आग लग गई, जिसमें दो बच्चों समेत एक युवक की दुखद मृत्यु हो गई। यह घटना दर्शाती है कि छोटी सी लापरवाही भी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। इस गर्मी में किस तरह आपको अपने फ्लैट को रखना है सुरक्षित, इसके लिए आपको इन पांच बातों का रखना है खास ध्यान। हीट वेव और बढ़ती आग की घटनाओं के बीच सतर्कता ही सबसे कारगर बचाव है। सावधानी ही सुरक्षा है, आइए जानते हैं इससे जुड़ी अहम जानकारी जो आपके और आपके परिवार की जान बचा सकती है।
इन 5 बातों को ध्यान रखना है बेहद जरूरी
देशभर में इन दिनों भयंकर गर्मियां पड़ रही हैं, जिससे तापमान लगातार रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंच रहा है। गर्म हवाएं, उमस और बिजली की अधिक खपत से हालात और भी गंभीर हो जाते हैं। ऐसे में आपको हर कदम पर सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। आपकी जरा सी लापरवाही से आपके घर में भयंकर आग जैसी दुर्घटना तक हो सकती है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक हर साल मई से जून के महीने के बीच में 8000 से ज्यादा आग लगने की घटनाएं दर्ज की जाती हैं, जो कि बहुत बड़ी संख्या है।
फ्लैट में ओवरलोडिंग से बचें – इन दिनों किसी भी एक सॉकेट पर ज्यादा लोड ना पड़ने दें, क्योंकि गर्मी के मौसम में विद्युत उपकरणों का अधिक प्रयोग आम हो गया है। यानी एक सॉकेट में एक ही प्लग का इस्तेमाल करें और एक्सटेंशन बोर्ड का सीमित उपयोग करें। इलेक्ट्रिकल ओवरलोडिंग से शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ जाता है, जो आग लगने की सबसे प्रमुख वजहों में से एक है।
पुरानी वायरिंग को समय रहते बदलवाएं – अगर घर में कोई पुरानी वायरिंग है, तो उसे तुरंत चेंज करवा दें क्योंकि वह गर्मी में बढ़ते वोल्टेज को सहन नहीं कर पाती। इस मौसम में वायरिंग पिघलने या चिंगारी निकलने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। एसी और फ्रिज जैसे भारी उपकरणों के लिए स्टेबलाइजर का इस्तेमाल करें ताकि वोल्टेज फ्लक्चुएशन से बचा जा सके और उपकरणों की उम्र भी बढ़े।
गैस सिलेंडर को लेकर बरतें अतिरिक्त सावधानी – अक्सर लोग किचन में खाना बनाने के बाद या कोई चीज गर्म करने के बाद गैस सिलेंडर को ऑन छोड़ देते हैं, जो कि बेहद खतरनाक हो सकता है, खासकर गर्मियों में जब तापमान बहुत अधिक होता है। इसलिए खाना बनाने के बाद हमेशा गैस सिलेंडर को बंद करें और रेगुलेटर को चेक करना न भूलें। इसके अलावा, गैस लीक डिटेक्टर भी घर में लगवाना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।
बालकनी और घर में ज्वलनशील सामग्री इकट्ठा न करें – जैसे पुराने अखबार, सूखे पत्ते, प्लास्टिक के बैग या थर्माकोल। यह सभी चीजें आग को तेजी से फैलाने में सहायक होती हैं। साथ ही घर में एक फायर एक्स्टिंग्विशर जरूर रखें और उसे उपयोग करना सभी सदस्यों को सिखाएं, ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके और आग पर नियंत्रण पाया जा सके।
स्मोक डिटेक्टर लगवाएं और फायर ड्रिल करें – अगर हो सके तो अपने घर में स्मोक डिटेक्टर जरूर लगवाएं, ताकि धुंआ उठते ही अलार्म बज जाए और समय रहते स्थिति को संभाला जा सके। साथ ही अपने परिवार के सभी सदस्यों को फायर सेफ्टी ड्रिल सिखाएं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में घबराने की बजाय तैयार रह सकें और जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।