इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग अब बेहद खतरनाक और निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है, जहां हर पल हालात और गंभीर होते जा रहे हैं। रविवार को जब अमेरिका ने ईरान पर जोरदार बमबारी की, तो उसके जवाब में ईरान ने खैबर मिसाइल से इजरायल पर बड़ा हमला बोला। लेकिन अब इजरायल ने इस हमले का जवाब भी उतने ही कड़े अंदाज़ में दिया है। खोर्रमशहर-4 मिसाइल डिपो पर किया गया इजरायल का पलटवार न केवल रणनीतिक था, बल्कि ईरान के लिए एक गहरी चेतावनी भी बन गया। अमेरिका के खुलकर इस युद्ध में कूदने से पूरे पश्चिम एशिया में स्थिति विस्फोटक हो गई है। ईरान पर अमेरिकी वायुसेना द्वारा की गई कार्रवाई में तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया गया, जिसके बाद ईरान भी पूरी तरह से जवाबी कार्रवाई के मूड में आ गया है। अब ईरान ने पूरी दुनिया के सामने अपने इरादे साफ कर दिए हैं — Strait of Hormuz को बंद करने की तैयारी कर रहा है, जो कि दुनिया के सबसे अहम तेल मार्गों में से एक है।
ईरान की संसद का बड़ा कदम: होर्मुज जलडमरूमध्य होगा बंद!
ईरान की सरकारी मीडिया ने रविवार को इस फैसले की जानकारी दी। ईरानी संसद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अब देश की सर्वोच्च सुरक्षा संस्था – सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल से इस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। मेजर जनरल कोवसारी ने बयान दिया कि यह कदम देश की सुरक्षा और रणनीति का हिस्सा है, जो ईरान की शक्ति और संप्रभुता का परिचायक बनेगा।
Strait of Hormuz: क्यों है ये जलमार्ग इतना अहम?
Strait of Hormuz, ईरान और ओमान के बीच स्थित एक संकरा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन के अनुसार, यह दुनिया का सबसे अहम तेल ट्रांजिट चोकपॉइंट है, जिससे हर महीने 3000 से ज्यादा तेल और गैस के जहाज गुजरते हैं। यहां से होकर दुनिया की कुल लिक्विड पेट्रोलियम ईंधन खपत का लगभग 20% और LNG व्यापार का भी पांचवां हिस्सा निकलता है। यानी हर पांच लीटर तेल में से एक लीटर इसी रास्ते से आता है। ईरान की संसद द्वारा इसे बंद करने का फैसला वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटका देने वाला हो सकता है।
Strait of Hormuz बंद होने पर वैश्विक और भारतीय प्रभाव
अगर यह जलमार्ग बंद होता है, तो इसका सीधा असर तेल की कीमतों और वैश्विक व्यापार पर पड़ेगा। भारत, जो रोज़ाना करीब 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत करता है, उसमें से लगभग 1.5 मिलियन बैरल तेल इसी रूट से आता है। ऐसे में अगर यह रास्ता बंद हुआ, तो भारत में तेल महंगा, महंगाई तेज और आर्थिक अस्थिरता देखी जा सकती है। यह जलमार्ग न केवल भारत बल्कि दुनिया की 26% ऑयल सप्लाई का रास्ता है, और इसका रुकना पूरी ग्लोबल सप्लाई चेन को झटका देगा।
इजरायल का जवाबी हमला: खोर्रमशहर मिसाइल डिपो ध्वस्त
इजरायल ने जिस तेज़ी और सटीकता से पलटवार किया, वह आधुनिक सैन्य क्षमता और सख्त इरादों की मिसाल है। रविवार को खैबर मिसाइल अटैक के जवाब में, इजरायल ने ईरान के यज़्द क्षेत्र में स्थित 'खोर्रमशहर-4 मिसाइल डिपो' को टारगेट किया। 2200 किलोमीटर दूर से की गई यह एयरस्ट्राइक, IDF की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाती है। 'इमाम हुसैन मिसाइल हेडक्वार्टर' पर दिनदहाड़े किए गए इस हमले ने पूरे यज़्द शहर को दहला दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का तीखा बयान
ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने फिर सख्त बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर बेहद सटीक और जोरदार हमला किया है। यह अब तक की सबसे प्रभावशाली सैन्य कार्रवाई में से एक है। हमारी सेना ने शानदार प्रदर्शन किया है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे।” ट्रंप का यह रुख यह साफ करता है कि अब अमेरिका ईरान की किसी भी कार्रवाई को हल्के में नहीं लेगा। आने वाले दिनों में यदि हालात नहीं सुधरे, तो मिडिल ईस्ट में बड़ा युद्ध कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
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