ईरान में फंसे 110 भारतीय छात्र लंबे इंतजार और अनिश्चितता के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच गए हैं। इनमें से अधिकतर छात्र जम्मू कश्मीर से हैं। ये छात्र उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी से हैं, जहां वे चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे थे। छात्रों ने आर्मेनिया और दोहा के रास्ते से होते हुए बुधवार देर शाम दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी। उनकी फ्लाइट करीब 3 घंटे देरी से भी पहुंची, लेकिन राहत की बात यह रही कि सभी सुरक्षित थे।
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे गंभीर युद्ध और बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की। सरकार के इस विशेष ऑपरेशन के तहत 17 जून को ईरान के उत्तरी हिस्से में फंसे 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला गया। इन छात्रों को भारतीय दूतावास की निगरानी में सड़क मार्ग से ईरान से आर्मेनिया की राजधानी येरेवान पहुंचाया गया। वे इसी रास्ते से दिल्ली आए हैं, जो एक जटिल लेकिन सुनियोजित रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा था।
स्पेशल फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे भारतीय छात्र
सभी छात्र बुधवार को दोपहर 2:55 बजे स्पेशल फ्लाइट से भारत रवाना हुए और गुरुवार की सुबह नई दिल्ली पहुंचे। यह ऑपरेशन सिंधु का पहला चरण है, जो आगे भी अन्य फंसे हुए भारतीयों की वापसी के लिए दिशा तय करेगा। भारत सरकार ने इस पूरे अभियान में सहयोग के लिए ईरान और आर्मेनिया की सरकारों का विशेष आभार जताया है, जिन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन को आसान और सुरक्षित बनाने में पूरी मदद की।
ईरान में स्थिति बिगड़ने के कारण भारतीय दूतावास लगातार भारतीय नागरिकों को युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित इलाकों में भेजने की कोशिश में जुटा है। इसके साथ ही, भारत सरकार ने इमजरजेंसी कॉन्टेक्ट नंबर, व्हाट्सएप नंबर और ईमेल आईडी जारी की है, जिससे नागरिक तत्काल सहायता ले सकें और सूचनाओं से जुड़े रहें।
ईरान-इजरायल के बीच कई दिनों से चल रहा युद्ध
ईरान और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध भंयकर रूप ले चुका है और स्थिति हर दिन और गंभीर होती जा रही है। बुधवार को इजरायल ने दावा किया था कि उसकी वायुसेना ने 50 फाइटर एयरक्राफ्ट भेजकर ईरान में हमला किया है। वहीं, ईरान ने ड्रोन के जरिए इजरायल पर अटैक किया था, जिससे पूरे मिडिल ईस्ट क्षेत्र में तनाव और भी बढ़ गया है।