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दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना हुआ मुश्किल, जहांगीरपुरी में AQI 389, राजधानी फिर बनी गैस चेंबर

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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी इन दिनों जहरीली धुंध की मोटी परत में लिपटी हुई है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जिससे दिल्ली एक बार फिर “रेड जोन” में पहुंच गई है। रविवार को जहां देशभर में बहादुरगढ़ सबसे प्रदूषित शहर रहा, वहीं दिल्ली दूसरे स्थान पर दर्ज की गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत AQI 345 दर्ज किया गया, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। राजधानी के कई इलाकों में हालात और भी चिंताजनक हैं। आनंद विहार में AQI 379, अलीपुर में 360, एम्स परिसर के पास 378, अशोक विहार में 367 और चांदनी चौक में 360 रहा।

इसके अलावा, द्वारका में AQI 356, दिल्ली एयरपोर्ट पर 305, आईटीओ में 376, नरेला में 368, विवेक विहार में 363 और जहांगीरपुरी में सबसे अधिक 389 दर्ज किया गया। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम क्षेत्र में यह 310 रहा। ये आंकड़े बताते हैं कि राजधानी के लगभग हर हिस्से में हवा “खतरनाक” स्तर तक प्रदूषित हो चुकी है।

दिल्ली से सटे इलाकों में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं। नोएडा सेक्टर-62 में AQI 342, गाजियाबाद के वसुंधरा क्षेत्र में 256, इंदिरापुरम में 285 और गुरुग्राम सेक्टर-51 में 327 दर्ज किया गया। पिछले 48 घंटों में प्रदूषण स्तर में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। रविवार को दिल्ली का औसत AQI 370 और शनिवार को 361 दर्ज किया गया था।

मुख्य इलाकों में AQI स्थिति:

आनंद विहार: 379

अलीपुर: 360

एम्स परिसर: 378

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम: 310

अशोक विहार: 367

चांदनी चौक: 360

द्वारका: 356

दिल्ली एयरपोर्ट: 305

आईटीओ: 376

जहांगीरपुरी: 389

नरेला: 368

विवेक विहार: 363

नोएडा सेक्टर-62: 342

गाजियाबाद (वसुंधरा): 256

गाजियाबाद (इंदिरापुरम): 285

गुरुग्राम सेक्टर-51: 327

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण क्या हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, राजधानी में बढ़ते प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली जलाना है। वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के कुल प्रदूषण में लगभग 30% योगदान पराली जलाने से और 15% वाहनों से निकलने वाले धुएं से होता है। इसके अलावा निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल, औद्योगिक उत्सर्जन और सर्द मौसम में धीमी हवा भी प्रदूषण को और बढ़ा देती है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो आने वाले दिनों में AQI “गंभीर” श्रेणी में बना रहेगा। सरकार ने फिलहाल स्कूलों में छुट्टी, निर्माण कार्यों पर रोक और ग्रैप-4 (GRAP-IV) के तहत कई आपात कदम लागू किए हैं। फिर भी, लोगों से अपील की जा रही है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और मास्क का उपयोग करें।

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