समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बहराइच में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा को जानबूझकर कराई गई घटना करार देते हुए कहा कि ‘‘डिवाइड एंड रूल’’ के आधार पर काम कर रही राज्य की बीजेपी सरकार को इस बात पर दुख जाहिर करना चाहिये कि आखिर यह घटना क्यों हुई।
अखिलेश यादव ने गुरुवार को बहराइच हिंसा के पांच आरोपियों को पुलिस से हुई कथित मुठभेड़ में गिरफ्तार किये जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार ने प्रदेश की पुलिस को बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस का ये तौर-तरीका बनाया गया है और जब कभी जांच होगी तो बहुत से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और उन्हें जेल जाना पड़ेगा।
#WATCH | Bahraich Encounter | Barabanki: Samajwadi Party President Akhilesh Yadav says, "This incident was an administrative failure. The government is doing encounters to cover up their failure... If encounters had been improving the law and order of the state, UP would have… pic.twitter.com/JwHfhNJJ0G
— ANI (@ANI) October 17, 2024
सपा नेता ने बहराइच हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पड़ोसी जिले का मामला है आप मुझसे बेहतर जानते होंगे कि यह घटना हुई नहीं है बल्कि कराई गई है।’’ यादव ने कहा, ‘‘मुझे तो यहां तक सुनने में आया है कि जिस व्यक्ति ने बहराइच में जुलूस का पहला वीडियो वायरल किया उस पत्रकार के हाथ या पैर में बहुत चोटें आई हैं। बीजेपी के लोगों ने उसे बहुत मारा है। अगर बीजेपी के लोग पत्रकार को मार रहे हैं या उसे झूठे मुकदमे में जेल भेजवा रहे हैं तो समझ लीजिए वह क्या छिपा रहे हैं? कुछ तो छिपा रहे हैं ना?’’
बहराइच जिले की महसी तहसील के महाराजगंज कस्बे में रविवार को दुर्गा पूजा पर विसर्जन जुलूस के दौरान एक प्रार्थना स्थल के बाहर कथित तौर पर तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसमें राम गोपाल मिश्रा (22) की गोली लगने से मौत हो गई।इस घटना के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी हुई। भीड़ ने मकानों, दुकानों, शोरूम, अस्पतालों और वाहनों में आग लगा दी थी। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात दंगाइयों और कुछ नामजद आरोपियों के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम पीड़ितों के दुख में शामिल हो सकते हैं, मुख्यमंत्री जी मिल सकते हैं लेकिन यह घटना कराई किसने है इस पर आप लोग बेहतर जानते होंगे। यहां कोई पत्रकार ऐसा नहीं है जो यह न जानता हो कि यह घटना रोकी जा सकती थी। सरकार को इस बात पर दुख जताना चाहिए था कि यह घटना क्यों हो गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हम लोग काम करेंगे लेकिन सवाल अब भी वही है कि सरकार की नजर में भेदभाव नहीं होना चाहिए। अंग्रेजों ने कभी ‘‘डिवाइड एंड रूल’’ का नारा दिया था। यह सरकार भी उसी पर काम कर रही है। यह आम लोग जानते हैं।’’
पकड़े गए एक आरोपी सरफराज की बहन द्वारा अपने पिता और भाई की मुठभेड़ में हत्या की आशंका जताये जाने को लेकर सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की पुलिस को बिगाड़ दिया है। पुलिस का यही तरीका बन गया, जब कभी जांच होगी तब बहुत से दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी और वे जेल भी जाएंगे।’’
अखिलेश ने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘आपको तो वह दिन भी याद होगा। इसी प्रदेश की इसी सरकार के सबसे पहले डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) ने कहा था कि यह पुलिस जो आज ‘एनकाउंटर’ कर रही है, कल उसके साथ कोई खड़ा नहीं दिखाई देगा। इन्हीं की सरकार के पहले डीजीपी इन पर सवाल खड़ा कर रहे थे कि यह जितने भी एनकाउंटर हो रहे हैं, वे एनकाउंटर नहीं बल्कि हत्या है।’’
बहराइच हिंसा में मारे गये राम गोपाल मिश्रा के परिजन को मुआवजा और नौकरी को लेकर सपा की ओर से मांग किये जाने की संभावना पर यादव ने कहा, ‘‘जो मुख्यमंत्री जी से मिल आया हो, उसके लिए क्या मुआवजा और क्या नौकरी की बात करें हम। मुख्यमंत्री के साथ जिसने दो घंटे समय गुजारा हो, उन्हें तो सरकारी नौकरी देनी चाहिए... और फिर जो ‘फर्जी एनकाउंटर’ में निकलेंगे उनको क्या सरकार नौकरी देगी?’’
अखिलेश यादव ने बहराइच जिले में हुई सांप्रदायिक हिंसा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन की विफलता करार दिया। उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जब ‘‘इतना बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया’’ जा रहा था तो वहां ‘‘कोई पुलिस सुरक्षा क्यों नहीं’’ थी। उन्होंने कहा, ‘‘क्या प्रशासन को पता नहीं था कि वहां क्या हो रहा था?’’
इससे पहले सोमवार को भी अखिलेश यादव ने इसके लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा था, ‘‘सरकार हिंसा का कारण जानती है। कनिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कोई फायदा नहीं होगा। (दुर्गा प्रतिमा) यात्रा निकाले जाने के दौरान प्रशासन को सतर्क रहना चाहिए था।’’
इस बीच, बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर को हुई साम्प्रदायिक हिंसा के पांच आरोपी गुरुवार दोपहर पुलिस से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिए गए। मुठभेड़ में दो आरोपी घायल भी हुए हैं। चार दिन के बाद गुरुवार को महराजगंज समेत बहराइच जिले में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। अधिकारियों के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 प्राथमिकी दर्ज की हैं और 55 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
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