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भारत से लड़ रहे पाकिस्तान को IMF से मिली संजीवनी, कहां से आता है पैसा और कौन सबसे बड़ा कर्जदार?

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नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (IMF) ने एक बड़ा फैसला लिया है। आईएमएफ ने शुक्रवार को पाकिस्तान को लगभग एक अरब अमरीकी डालर तत्काल जारी करने को मंजूरी दे दी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह दावा किया है। भारत ने इसका विरोध किया और आईएमएफ की महत्वपूर्ण बैठक में मतदान से परहेज किया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान इस फंड का यूज सीमा पार आतंकवाद के लिए कर सकता है। भारत ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को लगातार पुरस्कृत करने से वैश्विक समुदाय को एक खतरनाक संदेश जाता है। इससे फंडिंग करने वाली एजेंसियों और दाताओं की प्रतिष्ठा भी जोखिम में पड़ती है तथा वैश्विक मूल्यों का मजाक उड़ता है। सवाल उठता है कि आईएमएफ के पास कहां से पैसा आता है?दिसंबर 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक आईएमएफ के पास करीब 982 अरब एसडीआर (स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स) है और वह 695 अरब एसडीआर (करीब $932 अरब) तक लोन दे सकता है। एसडीआर एक एसेट है। इसकी वैल्यू दुनिया की पांच प्रमुख करेंसीज के एक बास्केट के आधार पर तय होती है। आईएमएफ का फंड तीन स्रोतों से आता है। इसमें अमेरिकी डॉलर, यूरो, युआन, येन और पौंड शामिल हैं। इनमें मेंबर कोटा, बहुपक्षीय और द्विपक्षीय समझौते शामिल हैं। मेंबर कोटा एक तरह की फीस है। सदस्यता लेते समय उस देश को यह कोटा देना होता है। फंडिंग का स्रोतसदस्य कोटा इस संगठन की फंडिंग का प्राथमिक स्रोत है। किसी सदस्य देश का कोटा विश्व अर्थव्यवस्था में उसके आकार और स्थिति को दर्शाता है। मसलन भारत का कोटा 13,114.4 मिलियन एसडीआर है जो टोटल परसेंटेज का 2.75 फीसदी है। इसी तरह पाकिस्तान का कोटा 2,031 मिलियन डॉलर है जो कुल योगदान का 0.43 फीसदी है। अमेरिका का कोटा 82,994.2 मिलियन एसडीआर है जो कुल योगदान का 17.42 है। चीन का कोटा 30,482.9 एसडीआर है जो कुल योगदान का 6.40 परसेंट है। आईएमएफ और सदस्यों और संस्थानों के समूह के बीच उधार लेने की नई व्यवस्था (एनएबी) कोटा के लिए मुख्य आधार है। 2021 में एनएबी का आकार दोगुना कर दिया गया। एनएबी वर्तमान में आईएमएफ के कुल संसाधनों में 364 बिलियन एसडीआर या 489 बिलियन डॉलर का योगदान देता है। सदस्य देशों ने द्विपक्षीय उधार समझौतों (बीबीए) के माध्यम से भी संसाधनों की प्रतिबद्धता जताई है। साल 2020 में, आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड ने बीबीए के एक नए दौर को मंजूरी दी, जो वर्तमान में आईएमएफ के कुल संसाधनों में 141 बिलियन एसडीआर या 189 बिलियन डॉलर का योगदान देता है। कैसे मिलता है लोनIMF के सदस्य देशों की संख्या 191 है। इसकी स्थापना 1944 में 44 देशों ने की थी। आईएमएफ ने अपने सदस्य देशों को 1 ट्रिलियन डॉलर का लोन दे चुका है। इसकी स्थापना 1930 की महामंदी के बाद की गई थी। आईएमएफ सदस्य देशों को वित्तीय मदद देता है और जिम्मेदार खर्च सुनिश्चित करने के लिए सरकारों के साथ काम करता है। आईएमएफ कई तरह के लोन देता है। ये देशों की अलग-अलग जरूरतों और परिस्थितियों के हिसाब से दिए जाते हैं। आईएमएफ कम आय वाले देशों को भी शून्य ब्याज दर पर लोन देता है।पाकिस्तान कई बार आईएमएफ से लोन ले चुका है जबकि भारत ने 1993 से अब तक कभी भी इस संस्था से लोन नहीं लिया है। आईएमएफ से लोन लेने के लिए सबसे पहले सदस्य देश इसके लिए आवेदन करता है। इसके बाद देश की सरकार और आईएमएफ कर्मचारी आर्थिक और वित्तीय स्थिति और फंडिंग आवश्यकताओं पर चर्चा करते हैं। लोन देने के लिए आईएमएफ कई तरह की शर्तें लगाता है। अगर संबंधित देश इन शर्तों को मान लेता है तो फिर लोन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है। सबसे बड़े कर्जदारआईएमएफ के बड़े कर्जदार देशों में अर्जेंटीना, यूक्रेन, मिस्र, पाकिस्तान, इक्वाडोर, कोलम्बिया, अंगोला, केन्या और बांग्लादेश शामिल हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना है। इस देश की इकॉनमी कई साल से संकट में फंसी है। इस पर आईएमएफ का 40.9 बिलियन डॉलर का कर्ज है। कई साल से रूस के साथ लड़ाई में फंसे यूक्रेन पर 14.6 बिलियन डॉलर का कर्ज है। पाकिस्तान 8.3 बिलियन डॉलर के साथ चौथे नंबर पर है।
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