विवेक शुक्ला: जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के मेयर बन गए हैं। उनकी जीत पर भारत में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया हो रही है। आखिर वह भारतवंशी जो ठहरे। ममदानी डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी से हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली की एक सड़क के नाम से भी उनका नाता है?
क्वामे का कनेक्शन । जोहरान ममदानी के नाम में 'क्वामे' शब्द भी आता है। उनके नाम में 'क्वामे' जोड़ा था युगांडा में बस गए जोहरान के पिता महमूद ममदानी ने। मगर यह 'क्वामे' है क्या? दरअसल, घाना के महान नेता थे क्वामे एएनक्रूमा (Kwame Nkrumah)। वह भारत के मित्र और अफ्रीकी स्वतंत्रता आंदोलन के शिखर नेताओं में से एक थे। उनके नाम पर राजधानी के महत्वपूर्ण एरिया में सड़क का नामकरण 1983 में यहां हुए गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन के समय किया गया था।
अफ्रीकी एकता पर जोर । घाना को 1957 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली और एनक्रूमा देश के पहले प्रधानमंत्री बने। वह 1960 में घाना के राष्ट्रपति भी बने। उन्होंने अफ्रीकी एकता पर जोर दिया और 1963 में अफ्रीकन यूनियन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजधानी के डिप्लोमैटिक एरिया चाणक्यपुरी से आने जाने वालों ने क्वामे एनक्रूमा मार्ग के साइन बोर्ड को जरूर देखा होगा। यह इत्तेफाक ही है कि क्वामे एनक्रूमा मार्ग के करीब ही अफ्रीका गार्डन भी है, जहां लगे हजारों गुलों की खुशबू से सारा माहौल खुशनुमा रहता है।
नेहरू से दोस्ती । एनक्रूमा और जवाहरलाल नेहरू में गहरी मित्रता थी। एनक्रूमा ने भारत के अहिंसक स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी से प्रेरणा ली और इसे अफ्रीकी संघर्ष का मॉडल माना। एनक्रूमा मानते थे कि अफ्रीका को एशिया की तरह उपनिवेशवाद से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने 1957 और 1958 में भारत का दौरा भी किया था। इन यात्राओं से दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा। खासकर- शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और व्यापार के क्षेत्र में।
भारत से प्रेरणा ली । एनक्रूमा ने भारतीय मॉडल से प्रेरणा लेकर घाना में तकनीकी और शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की। भारत ने घाना में विकास परियोजनाओं में भी योगदान दिया। एनक्रूमा ने नेहरू, यूगोस्लाविया के मार्शल टीटो और इजिप्ट के गमाल अब्देल नासेर जैसे नेताओं के साथ मिलकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन को एक मंच के रूप में स्थापित किया।
नासेर, मंडेला के नाम पर भी सड़कें । ममदानी खुद कहते हैं कि उनके नाम में 'क्वामे' होना उनके लिए गर्व की बात है। उनके पिता युगांडा से हैं। जोहरान का जन्म वहीं हुआ। उनकी मां मीरा नायर मशहूर फिल्ममेकर हैं। अंत में एक बात और। राजधानी में अफ्रीका के दो अन्य शिखर नेताओं क्रमश: इजिप्ट के जननायक गमाल अब्देल नासेर और नेल्सन मंडेला के नामों पर भी सड़कें हैं।
क्वामे का कनेक्शन । जोहरान ममदानी के नाम में 'क्वामे' शब्द भी आता है। उनके नाम में 'क्वामे' जोड़ा था युगांडा में बस गए जोहरान के पिता महमूद ममदानी ने। मगर यह 'क्वामे' है क्या? दरअसल, घाना के महान नेता थे क्वामे एएनक्रूमा (Kwame Nkrumah)। वह भारत के मित्र और अफ्रीकी स्वतंत्रता आंदोलन के शिखर नेताओं में से एक थे। उनके नाम पर राजधानी के महत्वपूर्ण एरिया में सड़क का नामकरण 1983 में यहां हुए गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन के समय किया गया था।
अफ्रीकी एकता पर जोर । घाना को 1957 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली और एनक्रूमा देश के पहले प्रधानमंत्री बने। वह 1960 में घाना के राष्ट्रपति भी बने। उन्होंने अफ्रीकी एकता पर जोर दिया और 1963 में अफ्रीकन यूनियन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राजधानी के डिप्लोमैटिक एरिया चाणक्यपुरी से आने जाने वालों ने क्वामे एनक्रूमा मार्ग के साइन बोर्ड को जरूर देखा होगा। यह इत्तेफाक ही है कि क्वामे एनक्रूमा मार्ग के करीब ही अफ्रीका गार्डन भी है, जहां लगे हजारों गुलों की खुशबू से सारा माहौल खुशनुमा रहता है।
नेहरू से दोस्ती । एनक्रूमा और जवाहरलाल नेहरू में गहरी मित्रता थी। एनक्रूमा ने भारत के अहिंसक स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी से प्रेरणा ली और इसे अफ्रीकी संघर्ष का मॉडल माना। एनक्रूमा मानते थे कि अफ्रीका को एशिया की तरह उपनिवेशवाद से मुक्त होना चाहिए। उन्होंने 1957 और 1958 में भारत का दौरा भी किया था। इन यात्राओं से दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ा। खासकर- शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और व्यापार के क्षेत्र में।
भारत से प्रेरणा ली । एनक्रूमा ने भारतीय मॉडल से प्रेरणा लेकर घाना में तकनीकी और शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की। भारत ने घाना में विकास परियोजनाओं में भी योगदान दिया। एनक्रूमा ने नेहरू, यूगोस्लाविया के मार्शल टीटो और इजिप्ट के गमाल अब्देल नासेर जैसे नेताओं के साथ मिलकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन को एक मंच के रूप में स्थापित किया।
नासेर, मंडेला के नाम पर भी सड़कें । ममदानी खुद कहते हैं कि उनके नाम में 'क्वामे' होना उनके लिए गर्व की बात है। उनके पिता युगांडा से हैं। जोहरान का जन्म वहीं हुआ। उनकी मां मीरा नायर मशहूर फिल्ममेकर हैं। अंत में एक बात और। राजधानी में अफ्रीका के दो अन्य शिखर नेताओं क्रमश: इजिप्ट के जननायक गमाल अब्देल नासेर और नेल्सन मंडेला के नामों पर भी सड़कें हैं।
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