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क्रेडिट कार्ड किसी और का और AC-मोबाइल-फ्रिज खरीद लिया किसी और ने, अमेजन पर जाना पड़ा महंगा

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रांची: साइबर क्रिमिनल्स हमेशा नए-नए तरीके अपना कर लोगों को झांसे में लेते हैं और उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं। कुछ ऐसा ही मामला राजधानी रांची में भी आया था। जिले के डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि बीते 28 मई को सूरज साहेब नाम के व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड के ज्यादा चार्ज कटने को बंद करने को लेकर फोन कॉल्स आया और एक लिंक शेयर किया गया। जैसे ही लिंक को डाउनलोड किया गया सूरज के खाते से एक लाख 7 हजार रुपए खर्च कर लिए गए। साइबर थाने में इसकी सूचना दी गई और तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी अजय कुमार को देवघर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।





साइबर ठग ने की अमेजन से शॉपिंग

चौंकाने वाली बात यह रही की आरबीएल क्रेडिट कार्ड से कुल 1,08,479 की अवैध निकासी कर अमेजन से आर्डर कर लिया गया था। इस घटना के बाद DIG ने SIT का गठन किया। अनुसंधान के दौरान टेक्निकल सेल की मदद से पीड़ित के क्रेडिट कार्ड से साइबर ठगी हुई राशि का उपयोग कर एक AC, फ्रिज और मोबाइल फोन ऑर्डर किया गया था। जो देवघर जिले के सोनारायठाड़ी थाना क्षेत्र में डिलीवर किया गया। इसके बाद सोनारायठाड़ी थाना प्रभारी के सहयोग से इस कांड में इस्तेमाल हुए मोबाइल नंबर 7782834918 को आप्राथमिकी अभियुक्त अजय कुमार के साथ गिरफ्तार किया गया। वही साइबर ठगी के पैसे से अमेजॉन के माध्यम से आर्डर किए गए पार्सल बरामद किए गए।





APK फाइल भेज कर हैक कर लेता था कार्ड

अभियुक्त अजय कुमार के द्वारा बताया गया कि एपीके फाइल भेजकर साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने में अन्य सहयोगी भी साथ थे। ठगी करने के बाद ऑनलाइन सामान खरीद कर मंगाया करते थे। कभी-कभी उस पैसों का अन्य साइबर अपराधियों के बैंक खाता में डाल कर कैश के रूप में भी लिया करते थे। इस कांड में अन्य 6 अपराध कर्मियों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाई जा रही है। डीआईजी ने बताया कि इस मामले में अमेजॉन का डिलीवरी बॉय भी शामिल है। वह भी साइबर क्रिमिनल्स के संपर्क में है। क्योंकि सामान डिलीवर होने के बाद भी ऑर्डर में डिलीवर नहीं दिखाया गया। इससे यह पता चलता है कि साइबर क्राइम में उसकी भी संलिप्तता है।





लालच में फंसे तो गए

साइबर क्राइम के खिलाफ लगातार जागरूकता अभियान चलाई जा रही है। ऐसे में जिले के डीआईजी ने एक बार फिर आम जनता से अपील की है कि अपराधी भय और लोभ का इस्तेमाल कर ठगी करते हैं। इससे हर हाल में बचे और अंजान कॉल्स से कोई डाटा शेयर ना करें। साइबर क्राइम के मामले में सबसे अहम सवाल यह उठता है कि बैंक से आम लोगों का डाटा कैसे लीक होता है। कहीं इसमें बैंक कर्मियों की भी तो संलिप्तता नहीं होती।इन सवालों की जवाब के लिए रांची पुलिस अब बैंक के क्रेडिट कार्ड प्रोवाइडर से भी इंक्वारी करेगी। ताकि क्रेडिट कार्ड का हवाला देकर होने वाले साइबर क्राइम को रोका जा सके।

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