नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) के स्टूडेंट्स की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को सचिवालय में कॉलेज के उनसे मुलाकात की। इस दौरान हॉस्टल की खस्ताहाल हालत, परिसर में सुरक्षा की कमी, खराब लाइटिंग, अवैध अतिक्रमण और भयमुक्त माहौल जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फौरन सुधार के निर्देश दिए और भरोसा दिलाया कि कॉलेज में जल्द ही बड़ा बदलाव नजर आएगा।
हॉस्टल की कमियों से कराया अवगत
बैठक में स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD), कॉलेज प्रशासन और स्टूडेंट प्रतिनिधि भी शामिल रहे। स्टूडेंटों ने बताया कि हॉस्टल की दीवारें और छतें जर्जर हैं। इससे जान का खतरा बना रहता है। रात में लाइट की कमी से परिसर में डर का माहौल रहता है। फीमेल स्टूडेंट्स ने सुरक्षा गार्ड की संख्या में कमी की ओर ध्यान दिलाया।
पिछली सरकारों की लापरवाही
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कॉलेज की स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि 1966 से 1990 के बीच बने सात हॉस्टलों में सिर्फ 1200 छात्रों के रहने की व्यवस्था है, जबकि मौजूदा समय में 3200 स्टूडेंट खराब हालात में रह रहे हैं। उन्होंने एक कमरे में आठ-आठ बेड, साझा अलमारी और स्टडी टेबल जैसी सुविधाओं की कमी को गंभीर और शर्मनाक कहा और इसे पिछली सरकारों की लापरवाही बताया है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि हॉस्टल की तुरंत मरम्मत कराई जाएगी। परिसर में हाई-इंटेंसिटी एलईडी लाइट लगाई जाएंगी। इसके अलावा, सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अवैध अतिक्रमण हटाने और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
सीएम ने दिए आदेश
सीएम गुप्ता ने लंबे समय से लंबित नए हॉस्टल के निर्माण की प्रक्रिया को भी तेजी करने का आदेश दिया। उन्होंने अधिकारियों को हर 15 दिन में काम की प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वे खुद कॉलेज परिसर का दौरा कर कामों का जायजा लेंगी। पिछले हफ्ते उपराज्यपाल के साथ बैठक में भी यह मुद्दा उठा था और सीएम और उपराज्यपाल ने इस बारे में सुधार के लिए निर्देश दिए थे।
हॉस्टल की कमियों से कराया अवगत
बैठक में स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD), कॉलेज प्रशासन और स्टूडेंट प्रतिनिधि भी शामिल रहे। स्टूडेंटों ने बताया कि हॉस्टल की दीवारें और छतें जर्जर हैं। इससे जान का खतरा बना रहता है। रात में लाइट की कमी से परिसर में डर का माहौल रहता है। फीमेल स्टूडेंट्स ने सुरक्षा गार्ड की संख्या में कमी की ओर ध्यान दिलाया।
पिछली सरकारों की लापरवाही
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कॉलेज की स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि 1966 से 1990 के बीच बने सात हॉस्टलों में सिर्फ 1200 छात्रों के रहने की व्यवस्था है, जबकि मौजूदा समय में 3200 स्टूडेंट खराब हालात में रह रहे हैं। उन्होंने एक कमरे में आठ-आठ बेड, साझा अलमारी और स्टडी टेबल जैसी सुविधाओं की कमी को गंभीर और शर्मनाक कहा और इसे पिछली सरकारों की लापरवाही बताया है। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि हॉस्टल की तुरंत मरम्मत कराई जाएगी। परिसर में हाई-इंटेंसिटी एलईडी लाइट लगाई जाएंगी। इसके अलावा, सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अवैध अतिक्रमण हटाने और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
सीएम ने दिए आदेश
सीएम गुप्ता ने लंबे समय से लंबित नए हॉस्टल के निर्माण की प्रक्रिया को भी तेजी करने का आदेश दिया। उन्होंने अधिकारियों को हर 15 दिन में काम की प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वे खुद कॉलेज परिसर का दौरा कर कामों का जायजा लेंगी। पिछले हफ्ते उपराज्यपाल के साथ बैठक में भी यह मुद्दा उठा था और सीएम और उपराज्यपाल ने इस बारे में सुधार के लिए निर्देश दिए थे।
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